
उत्तराखंड के 5 विश्वविद्यालयों और 104 महाविद्यालयों में अब 'ई-ग्रंथालय’, 35 लाख पुस्तकें ऑनलाइन है उपलब्ध
ई-ग्रंथालय के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित बेहतर तैयारी के लिए पिछले 10 वर्षों का क्वेश्चन बैंक भी उपलब्ध कराया जाएगा.

E-Granthalaya: छात्रों की पढाई में सुगमता के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को राज्य के शासकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में ‘ई-ग्रंथालय’ की शुरूआत की. प्रदेश के पांच विश्वविद्यालय एवं 104 महाविद्यालय इस ई-ग्रंथालय से जुड़ चुके हैं और इसमें 35 लाख पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध हैं.
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इसके तहत सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को एक पोर्टल से जोड़ा जा रहा है और यदि किसी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में कोई पुस्तक उपलब्ध न हो तो विद्यार्थी उसे ई-ग्रन्थालय के माध्यम से तलाश सकता है. एक अनुमान के अनुसार, इससे ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को अध्ययन में सुविधा होगी.
इस शिक्षा सत्र में विद्यार्थियों के लिए ई-ग्रंथालय को बड़ी सौगात बताते हुए मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ई-ग्रंथालय के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित बेहतर तैयारी के लिए पिछले 10 वर्षों का क्वेश्चन बैंक भी उपलब्ध कराया जाए. कोविड-19 की महामारी के दौर में तकनीक को बढावा देने की जरूरत पर बल देते हुए रावत ने कहा कि ई-ग्रंथालय से विद्यार्थियों को समग्र जानकारियां उपलब्ध होंगी. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जहां प्रत्येक कॉलेज को ई-ग्रंथालय से जोड़ा गया है.
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