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New Education Policy 2020: रमेश पोखरियाल ने कहा- इस शिक्षा नीति को अपने यहां लागू करने के लिए मंत्रालय से 10 देशों ने किया संपर्क 

New Education Policy 2020: सरकार का किसी भी राज्य पर कोई भाषा थोपने का इरादा नहीं है. हम 22 भारतीय भाषाओं को मजबूत करने के पक्ष में हैं और हम इन सभी भाषाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं.

Published: September 26, 2020 9:13 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Munna Kumar

New Education Policy 2020: रमेश पोखरियाल ने कहा- इस शिक्षा नीति को अपने यहां लागू करने के लिए मंत्रालय से 10 देशों ने किया संपर्क 
केंद्रीय शिक्षा मंत्री

New Education Policy 2020: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal) ने शुक्रवार को कहा कि लगभग 10 देशों ने शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) से संपर्क कर भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने की इच्छा जाहिर की है. वह एसोचैम द्वारा आयोजित “NEP 2020 – द ब्राइट फ्यूचर ऑफ एजुकेशन” पर एक वेबिनार के दौरान बोल रहे थे. पोखरियाल ने कहा, “लगभग 10 देशों ने हमसे संपर्क किया है, उनके शिक्षा मंत्रियों ने भारत की नई शिक्षा नीति (New Education Policy) को अपने देशों में लागू करने की इच्छा जाहिर की है.”

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उन्होंने कहा, “सरकार NEP को लागू करने के बारे में पैराग्राफ-वार सुझाव मांग रही है. अब तक 15 लाख टिप्पणियां मिल चुकी हैं और हम अधिक सुझाव प्राप्त करने के लिए तैयार हैं. मंत्री ने कहा कि कुछ लोग तर्क दे रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रगति करने के लिए अंग्रेजी सीखने की जरूरत है.” मुझे कहना होगा कि हम अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा भारतीय भाषाओं को मजबूत करने में मदद करेगी. सरकार का किसी भी राज्य पर कोई भाषा थोपने का इरादा नहीं है. हम 22 भारतीय भाषाओं को मजबूत करने के पक्ष में हैं और हम इन सभी भाषाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं.

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, “लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि अंग्रेजी एक भारतीय भाषा नहीं है. मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं जो तर्क देते हैं कि यदि हम अंग्रेजी नहीं सीखते हैं तो हम वैश्विक स्तर पर प्रगति नहीं कर सकते हैं. हमें जापान, रूस, इजरायल, फ्रांस, अमेरिका जैसे देशों को देखने की जरूरत है जो सभी को उनकी भाषा में शिक्षा प्रदान करते हैं. जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित NEP ने 1986 में बनाई गई शिक्षा पर 34 वर्षीय राष्ट्रीय नीति की जगह ले ली और इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने के लिए स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है. उच्च शिक्षा संस्थानों में 3.5 करोड़ सीटों को जोड़ने, डिग्री पाठ्यक्रमों में 3 या 4 साल के स्नातक पाठ्यक्रमों, कई प्रवेश और निकास विकल्पों के बीच विकल्प होगा, जिसमें अब एक ही नियामक होगा. नई शिक्षा नीति (New Education Policy) में एमफिल कार्यक्रमों को बंद करना और फीस का निर्धारण उच्च शिक्षा सुधारों में शामिल हैं.

पोखरियाल ने कहा, “NEP 2020 का मुख्य उद्देश्य अच्छे इंसानों को विकसित करना है, मशीनों को नहीं. यह एक राष्ट्र-केंद्रित नीति है, जो मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण है और नवाचार, ज्ञान, अनुसंधान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संबंध में यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पर होगी.” शिक्षा मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सांसदों और उद्योग निकायों ने कहा कि शायद यह दुनिया की पहली ऐसी नीति है जिसमें 1,000 से अधिक विश्वविद्यालयों, 45,000 डिग्री कॉलेजों, 15 लाख स्कूलों, 1 करोड़ शिक्षकों और प्रोफेसरों के साथ 33 करोड़ छात्रों और उनके माता-पिता, राजनेताओं, राज्य सरकारों और उनके साथ इतने बड़े परामर्श को देखा गया है. मंत्री ने कहा कि उन्होंने देश भर से प्राप्त 2.25 लाख सुझावों में से अधिकांश को शामिल किया है.

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