
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 50% सीटों की फीस के लिए NMC ने जारी की नई गाइडलाइंस, पढ़े डिटेल में
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के छात्रों को बड़ी राहत, 50% सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर होगी फीस

Medical College Fees: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission) ने आज जारी अपने ताजा गाइडलाइंस में कहा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटों की फीस अब किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों (Government Medical Colleges) के बराबर होगी. नई गाडलाइंस के मुताबिक, कोई भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन डोनेशन आदि किसी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल सकेगा. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने अपने इस अभूतपूर्व फैसले को लेकर एक गाइडलाइंस जारी की है.
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Fees of 50% seats in private medical colleges will now be at par with Govt Medical colleges of a state/UT: National Medical Commission pic.twitter.com/d06vGiXR6b
— ANI (@ANI) February 5, 2022
जानकारी के मुताबिक,प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की जिन 50% सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर फीस का प्रावधान किया है, उसमें नीट परीक्षा की रैंकिंग यानि मेरिट के आधार पर के आधार पर वरीयता मिलेगी.
50 प्रतिशत सीटों पर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर होगी फीस
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने निजी चिकित्सा संस्थानों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीटों के संबंध में फीस और अन्य सभी शुल्कों के निर्धारण के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने आज जारी अपने नवीनतम दिशानिर्देशों में कहा कि निजी मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटों की फीस अब किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर होगी.
ऐसे मिलेगा फायदा
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक,व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है कि निजी मेडिकल कॉलेज और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीटों की फीस उस विशेष राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष की फीस के बराबर होनी चाहिए. नेशनल मेकिल कमीशन ने जानकारी दी है कि इस फीस स्ट्रक्टर का लाभ पहले उन कैंडिडेट्स को उपलब्ध कराया जाएगा, जिन्होंने सरकारी कोटे की सीटों का लाभ उठाया है, लेकिन संबंधित मेडिकल कॉलेज या डीम्ड विश्वविद्यालय की कुल स्वीकृत संख्या के 50 प्रतिशत तक सीमित है. नेशनल मेकिल कमीशन ने कहा, समाचार एजेंसी एएनआई की सूचना दी.
केंद्र सरकार ने दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करने के लिए अनुरोध किया था
केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से तत्कालीन एमसीआई एनएमसी के गठन पर विचार करने के लिए शुल्क निर्धारण दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करने के लिए अनुरोध किया था. 23 नवंबर 2019 को BoG-MCI द्वारा और बाद में NMC द्वारा इस संबंध में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था.
1800 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त करने के बाद गाइलाइंस का मसौदा तैयार किया
आम जनता या चिकित्सा संस्थानों या एसोसिएशन से 1800 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त करने के बाद एनएमसी द्वारा 21 अक्टूबर 2021 को गठित एक पुनर्गठित विशेषज्ञ समिति ने इन प्रतिक्रियाओं की जांच की और मसौदा दिशानिर्देश प्रस्तुत किए. एनएमसी ने दिसंबर को हुई अपनी बैठक में विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया. (इनपुट: एएनआई)
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