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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन होगी पीटीएम, सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए पेरेंट्स से मांगे सुझाव 

संवाद के दौरान सिसोदिया ने कहा, जब लॉकडाउन हुआ, तो हमने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की.

Published: July 25, 2020 10:13 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Munna Kumar

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन होगी पीटीएम, सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए पेरेंट्स से मांगे सुझाव 
प्रतीकात्मक तस्वीर

Online Education in Delhi Govt School: दिल्ली सरकार ने शनिवार को सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा के प्रयोग पर शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद किया. दिल्ली सरकार द्वारा कराई जा रही ऑनलाइन शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी मांगे गए हैं. इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पेरेंट्स टीचर मीटिंग भी ऑनलाइन कराने का सुझाव दिया. इस संवाद में अधिकांश पेरेंट्स ने ऑनलाइन शिक्षा के अनुभव को काफी उपयोगी बताते हुए कहा कि शिक्षकों ने बच्चों का काफी सकारात्मक तरीके से मार्गदर्शन किया. यह संवाद एसकेवी प्रशांत विहार तथा पीतमपुरा में आयोजित हुआ.

संवाद के दौरान सिसोदिया ने कहा, जब लॉकडाउन हुआ, तो हमने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की. उस वक्त सबको लगता था कि ऑनलाइन शिक्षा सिर्फ प्राइवेट स्कूलों में संभव है. सरकारी स्कूलों के पेरेंट्स के पास साधन नहीं हैं और टीचर्स की भी ट्रेनिंग नहीं है. लेकिन हमारे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों ने नए तरीके के प्रयोग किया. पेरेंट्स और स्टूडेंट्स ने भी भरपूर साथ दिया. देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब सरकारी स्कूलों में इतने बड़े पैमाने पर टेक्नॉलजी की सहायता से पढ़ाई की गई हो.

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दिल्ली के सरकारी विद्यालयों में व्हाट्सप्प के माध्यम से वर्कशीट और जिन बच्चों के पेरेंट्स के पास व्हाट्सप्प नहीं है उन्हें स्कूल में बुलाकर अगले एक हफ्ते के लिए वर्कशीट दी जा रही है. सिसोदिया ने कहा, हमारे लिए यह कहना बेहद आसान था कि जिनके पास साधन हों, उन्हीं के लिए अनलाइन शिक्षा है. लेकिन जिनके पास साधन नहीं, हमें उनको भी साथ लेकर चलना है. एक समय था जब धर्म और जाति के आधार पर शिक्षा मिलती थी. उसके बाद पैसे के आधार पर शिक्षा मिलने लगी. लेकिन जिसके पास एक भी पैसा न हो, उनके लिए भी हमने दिल्ली में शानदार व्यवस्था कर दी. अब ऐसा न हो जाए कि जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं, वे शिक्षा में पीछे छूट जाएं. इसीलिए हमने सेमी-अनलाइन शिक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया.

कोरोना महामारी के कारण दिल्ली के स्कूलों को शेल्टर होम में बदलना पड़ा है.सरकार के मुताबिक शिक्षकों ने सच्चे समाज सेवकों की तरह काम किया. हालांकि सबसे बड़ा संकट स्टूडेंट्स के लिए है. सिसोदिया ने कहा, कोरोना का वैक्सीन बन जाएगा, लेकिन शिक्षा में नुकसान की भरपाई किसी वैक्सीन से नहीं हो सकती. इसलिए हम अपने अन्य खर्च कम करके किसी भी तरह बच्चों की पढ़ाई जारी रखें. अगर पढ़ाई में नुकसान हुआ तो यह बच्चे या परिवार का नहीं, बल्कि पूरे देश का नुकसान होगा. हमारी समझदारी की पहचान यह है कि कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, हम अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएंगे.

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