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सरकार ने कहा- जब तक स्कूल बंद हैं तब तक न लें शुल्क तो निजी स्कूलों ने बंद कर दी ऑनलाइन कक्षाएं

सरकार ने स्कूलों को 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए फीस न बढ़ाने का भी निर्देश दिया.

Published: July 23, 2020 4:47 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Gaurav Tiwari

सरकार ने कहा- जब तक स्कूल बंद हैं तब तक न लें शुल्क तो निजी स्कूलों ने बंद कर दी ऑनलाइन कक्षाएं

अहमदाबाद: गुजरात में कई निजी स्कूलों ने बृहस्पतिवार से ऑनलाइन कक्षाएं अनिश्चित काल के लिए रोक दी हैं. ऐसा राज्य सरकार के उस आदेश के बाद किया गया है जिसमें कहा गया था कि जब तक स्कूल फिर से खुल न जाएं, उन्हें छात्रों से फीस नहीं लेनी चाहिए.

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पिछले सप्ताह जारी एक अधिसूचना में गुजरात सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्कूल बंद रहने तक स्व-वित्तपोषित स्कूलों को छात्रों से ट्यूशन शुल्क नहीं लेने का निर्देश दिया था. इसके अलावा शैक्षणिक सत्र 2020-21 में स्कूलों को शुल्क में बढो़तरी करने से भी मना किया गया है.

इस कदम से नाखुश गुजरात के लगभग 15,000 स्व-वित्तपोषित स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक यूनियन ने ऑनलाइन कक्षाएं रोकने का फैसला किया है. स्व-वित्तपोषित स्कूल प्रबंधन संघ के प्रवक्ता दीपक राज्यगुरु ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य के लगभग सभी स्व-वित्तपोषित स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने से इनकार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “अगर सरकार का मानना ​​है कि ऑनलाइन शिक्षा वास्तविक शिक्षा नहीं है, तो हमारे छात्रों को ऐसी शिक्षा देने का कोई मतलब नहीं है. ऑनलाइन शिक्षा तब तक निलंबित रहेगी, जब तक सरकार इस आदेश को वापस नहीं लेती है.” उन्होंने कहा कि संघ राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएगा.

बता दें कि गुजरात सरकार ने राज्य के स्व-वित्तपोषित स्कूलों को निर्देश दिया था कि कोविड-19 की वजह से वे जब तक वे बंद हैं, तब तक छात्रों से ट्यूशन फीस न लें. सरकार ने स्कूलों को 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए फीस न बढ़ाने का भी निर्देश दिया.

राज्य शिक्षा विभाग द्वारा 16 जुलाई को जारी अधिसूचना बुधवार को सार्वजनिक हुई. इसमें कहा गया है कि कोई भी स्कूल फीस जमा न होने पर इस अवधि में पहली से कक्षा से लकर आठवीं कक्षा तक के किसी भी छात्र को निष्कासित नहीं करेगा क्योंकि ऐसा करना शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा-16 का उल्लंघन होगा.

सरकार ने अधिसूचना में कहा कि इसके अलावा गुजरात उच्च न्यायालय के अनुसार 30 जून तक फीस जमा न करने वाले किसी भी छात्र को निष्कासित नहीं किया जाएगा. विभाग ने कहा कि अनेक स्कूलों ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने शिक्षण या गैर-शिक्षण स्टाफ को कोई वेतन नहीं दिया है या केवल 40-50 प्रतिशत वेतन दिया है.

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Published Date: July 23, 2020 4:47 PM IST