
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.
नई दिल्ली: रेल मंत्रालय का कहना है कि रेलवे नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को रेलवे ट्रैक पर विरोध करने, ट्रेन संचालन में बाधा डालने और रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर रेलवे की नौकरी पाने से आजीवन रोक का सामना करना पड़ सकता है. रेल मंत्रालय ने इस संबंध में अपना बयान जारी किया है. रेल मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, रेलवे नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को रेलवे ट्रैक पर विरोध करने, ट्रेन संचालन में बाधा डालने और रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर रेलवे की नौकरी पाने से आजीवन रोक का सामना करना पड़ सकता है.
रेल मंत्रालय का कहना है कि रेलवे नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को रेलवे ट्रैक पर विरोध करने, ट्रेन संचालन में बाधा डालने और रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर रेलवे की नौकरी पाने से आजीवन रोक का सामना करना पड़ सकता है। pic.twitter.com/TB0tajA5Uy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 25, 2022
रेलवे ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ करने समेत गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल अभ्यर्थियों और अन्य लोगों की रेलवे में भर्ती पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. बिहार में प्रदर्शन के दौरान पटना समेत कई जगहों पर रेल की पटरी पर युवकों बैठ जाने की घटना के एक दिन बाद रेलवे का यह बयान आया है. एक सामान्य नोटिस में रेलवे ने कहा, ”इस तरह की दिशाहीन गतिविधियां अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा हैं, जो ऐसे लोगों को रेलवे में भर्ती के अयोग्य बना देती हैं. इस तरह की गतिविधियों के वीडियो का परीक्षण किया जाएगा. गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल अभ्यर्थियों या नौकरी के इच्छुक अन्य लोगों की रेलवे में भर्ती पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. ऐसे लोग अपने खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए खुद जिम्मेदार होंगे.”
अभ्यर्थियों ने रेलवे भर्ती बोर्ड के नॉन-टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (आरआरबी एनटीपीसी) परीक्षा के परिणाम में कथित गड़बड़ी को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया था. यह विरोध प्रदर्शन मंगलवार तक को जारी रहा .
कल सोमवार प्रदर्शन के इसके कारण पटना में कम से कम पांच लंबी दूरी की ट्रेन को रद्द करना पड़ा, जबकि राजेंद्र नगर टर्मिनल पर पटरी के बाधित होने से कई ट्रेन के मार्ग को परिवर्तित करना पड़ा. अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ने कोचिंग केंद्रों से संपर्क करके अभ्यर्थियों के बीच जागरूकता फैलाने की अपील की है.
बता दें एनटीपीसी परीक्षा में करीब 1.25 करोड़ अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसका परिणाम इस महीने की शुरुआत में आया था. रेलवे ने पहले कहा था कि वह 35,281 पदों को भरने पर विचार कर रहा है. इनमें से 13 श्रेणियों में 24,281 पद स्नातक के लिए थे और छह श्रेणियों में 11,000 पद गैर-स्नातक के लिए थे. इन 13 श्रेणियों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के वेतनमान स्तर (स्तर 2, 3, 4, 5 और 6) के आधार पर पांच समूहों में विभाजित किया गया था. इन पदों में ट्रेन असिस्टेंट, गार्ड, जूनियर क्लर्क, समयपाल और स्टेशन मास्टर शामिल हैं. लेवल 2 की नौकरी पाने पर शुरुआती वेतन लगभग 19,000 रुपये है और इसके लिए कक्षा 12 पास होना आवश्यक है. स्टेशन मास्टर जैसे लेवल-6 के पद के लिए स्नातक होना जरूरी है, लेकिन शुरुआती वेतन लगभग 35,000 रुपये है. उम्मीदवारों का आरोप है कि पिछले साल आयोजित कंप्यूटर आधारित टेस्ट-1 के दौरान लेवल 2 की परीक्षा में उच्च योग्यता वाले उम्मीदवार बैठे.
एक अभ्यर्थी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ”अगर ये उम्मीदवार ऐसी नौकरियों के लिए बैठते हैं, तो हम इन नौकरियों को पाने की कल्पना भी कैसे करेंगे जो हमारे लिए हैं?” अधिकारियों ने कहा कि समस्या यह है कि रेलवे उच्च योग्यता वाले उम्मीदवारों को कम योग्यता की आवश्यकता वाली परीक्षा में बैठने से नहीं रोक सकता है.
बता दें कि सोमवार को पटना शहर में हजारों लोगों के ट्रेन की पटरियों पर खड़े होकर विरोध-प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या उनके मार्ग बदलने पड़े थे. पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) और जिला प्रशासन के अनुसार, कई घंटों तक रेल यातायात बाधित रहने के बाद वह रात 10 बजे के बाद बहाल हो पाया. पुलिस ने रेलवे ट्रैक को खाली कराया और इस संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया था.
कल सोमवार को जिला प्रशासन ने एक विज्ञप्ति में कहा, “रेल प्रशासन द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा को लेकर कुछ अभ्यर्थियों द्वारा राजेंद्र नगर रेलवे ट्रैक को आज जाम कर दिया गया. सूचना प्राप्त होते ही त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर अभ्यर्थियों से बातचीत की और मामले को नियंत्रित करने का प्रयास किया. लेकिन लोग नहीं माने और रेलवे ट्रैक को लगभग साढ़े चार घंटे तक जाम किया, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले को नियंत्रित करने का प्रयास किया फिर भी लोग नहीं माने. तत्पश्चात हल्का बल प्रयोग कर रेलवे ट्रैक को जाम से मुक्त कर सामान्य स्थिति बहाल की गई और रेल का परिचालन सुचारू किया गया. इस मामले में कल जिला प्रशासन और जीआरपी द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी है तथा चार व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई. इस मामले को कोचिंग संस्थानों के द्वारा भी प्रेरित किया गया है जिसकी पहचान की जा रही है. वैसे कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि पटरियों पर विरोध-प्रदर्शन के कारण पांच ट्रेनों को दिन के लिए रद्द करना पड़ा जिनमें नई दिल्ली जाने वाली तेजस राजधानी, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस और मुंबई जाने वाली लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस शामिल हैं. स्टेशन से गुजरने वाली पांच अन्य ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा. राजेश ने कहा, “रात 10.24 बजे रेल यातायात बहाल किया गया और हावड़ा से नई दिल्ली जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस राजेंद्र नगर से रवाना हुई.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें Career Hindi की और अन्य ताजा-तरीन खबरें