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युद्ध शुरू होने से कुछ मिनट पहले यूक्रेन यूनिवर्स‍िटी कैंपस में पहुंचा था महाराष्ट्र का छात्र, फिर हुआ कुछ ऐसा

मेडिकल की पढाई कम खर्च में होने के कारण, छात्र के माता-पिता ने यूक्रेन यूनिवर्स‍िटी में दाखिला कराया था. कैंपस में पहुंचते ही पता चला कि यूक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया है.

Published: February 28, 2022 1:20 PM IST

By Vandanaa Bharti

युद्ध शुरू होने से कुछ मिनट पहले यूक्रेन विश्‍वविद्यालय परिसर में पहुंचा था महाराष्ट्र का छात्र, फिर हुआ कुछ ऐसा
कुछ सेकेंड पहले ही यूक्रेन यूनिवर्स‍िटी में कदम रखा था छात्र ने

ठाणे: महाराष्ट्र में ठाणे के डोम्बिवली का संकेत पाटिल मेडिकल पाठ्यक्रम के लिए यूक्रेन के एक विश्‍वविद्यालय में दाखिला मिलने से उत्साहित था, लेकिन उनकी खुशी कुछ ही देर की थी, क्योंकि जैसे ही उसने 24 फरवरी को शैक्षणिक संस्थान के छात्रावास में कदम रखा, उसके कुछ ही मिनट बाद पूर्वी यूरोपीय देश पर रूस ने हमला कर दिया. 23 वर्षीय छात्र अब वहां छात्रावास में बंद है और अपने अनिश्‍च‍ित भविष्य को लेकर चिंतित है. दूसरी ओर, उसका परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है और उसके शीघ्र लौट आने की कामना कर रहा है.

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संकेत ने भारत में मेडिकल की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की परीक्षा दी थी, लेकिन एक स्कूल में अध्यापक उसके पिता यहां कॉलेज में पढ़ाई का अत्यधिक शुल्क देने में अक्षम थे. इसके बाद उसके परिवार ने यूक्रेन के चेर्निवत्सी की बुकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में उसका दाखिला कराने के प्रयास किए.

संकेत के पिता गोकुल पाटिल के अनुसार यूक्रेन में शुल्क यहां की तुलना में एक तिहाई है, इसलिए मैंने बेटे का दाखिला वहां कराने का फैसला किया.

आंखों में अपने सुनहरे भविष्य के सपने लिए संकेत 23 फरवरी को यूक्रेन के लिए रवाना हुआ था. उसने 24 फरवरी को विश्‍वविद्यालय के छात्रावास में प्रवेश किया और कुछ ही मिनट बाद उसे पता चला कि रूस ने यूक्रेन पर सैन्य हमला कर दिया है.

गोकुल पाटिल अब अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि वहां उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. मुझे उसकी सुरक्षा की चिंता है. छात्रावास में जाने के बाद उसने हमें फोन किया था और बताया था कि सब ठीक है, लेकिन उसके बाद युद्ध छिड़ गया.

रूस के हमले के बाद यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें अधिकतर छात्र हैं. भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालना शुरू कर दिया है और शनिवार से अब तक 900 से अधिक लोगों को लाया जा चुका है.

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