सिसोदिया ने प्रिंसिपल की नियुक्ति पर एलजी से कहा, फाइलों को पब्लिक डोमेन में रखें'
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने शनिवार को राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में प्रिंसिपल/उप शिक्षा अधिकारी के 126 पदों बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
Updated Date:February 5, 2023 10:25 AM IST
By India.com Education Desk Edited By India.com Education Desk
Appointment of Principal: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने शनिवार को राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में प्रिंसिपल/उप शिक्षा अधिकारी के 126 पदों बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिदोसिया ने इसे 'झूठा' दावा करार दिया और इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने और इसके बजाय यह बताने को कहा कि क्यों वह इस तरह की महत्वपूर्ण नियुक्तियों में देरी कर रहे हैं. सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली एलजी ने 'व्यापक अध्ययन' के नाम पर 244 पदों की बहाली रोक दी है. स्कूल बिना प्रधानाध्यापकों के चल रहे हैं, लेकिन उप-राज्यपाल 'व्यापक अध्ययन' चाहते हैं, ताकि यह आकलन किया जा सके कि प्रधानाध्यापकों की जरूरत है या नहीं. पद रिक्त हैं, जिन्हें जरूरत का अध्ययन करने के बजाय पहले भरा जाना चाहिए."
स्कूल प्रधानाध्यापकों के 126 पदों को बहाल करने को मंजूरी
सिसोदिया ने कहा, "क्रेडिट का दावा करने के बजाय, यह बताने के लिए फाइलों को सार्वजनिक डोमेन में रखें कि आप प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति में देरी क्यों कर रहे हैं. नौकरशाही वाले बहाने बनाना बंद करें, एक तारीख दें कि आपके द्वारा समाप्त किए गए प्रधानाध्यापकों के पदों को कब तक बहाल किया जाएगा."सिसोदिया ने एक बयान जारी कर कहा, "एलजी कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दावा किया है कि उन्होंने स्कूल प्रधानाध्यापकों के 126 पदों को बहाल करने को मंजूरी दे दी है, जो आप सरकार की 'उदासीनता' और 'निष्क्रियता' के कारण समाप्त हो गए थे. यह दावा उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा झूठ का एक नया पुलिंदा है और यह तथ्य को छिपाने का एक क्रूर प्रयास है कि केंद्र सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय ने सात साल से अधिक समय से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति को रोक रखा है."
डिप्टी सीएम के बयान में घटनाओं के एक क्रम की ओर इशारा करते हुए दावा किया गया है कि यह एलजी कार्यालय के झूठ और झूठे दावों को उजागर करेगा.बयान में कहा गया, "तथ्य यह है कि 2015 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप सरकार बनने के ठीक बाद उसने यूपीएससी से प्राचार्यों के 370 रिक्त पदों को भरने के लिए संपर्क किया था. इस बीच, 2015 में ही सेवा विभाग को असंवैधानिक रूप से चुनी हुई सरकार के दायरे से बाहर ले जाया गया और एलजी को सौंप दिया गया. इसलिए, प्रभावी रूप से एलजी इन नियुक्तियों के लिए जिम्मेदार था और इन नियुक्तियों को पूरा करने के लिए तुरंत कार्य करने वाला था."
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नियुक्तियों को रोकने की कोशिश
उन्होंने कहा, "उपराज्यपाल कार्यालय को जिन कारणों के बारे में सबसे अच्छी तरह पता है, इन नियुक्तियों को किसी न किसी बहाने से नहीं होने दिया गया. यहां तक कि शिक्षा मंत्री ने प्रिंसिपल के बिना स्कूल चलाने के दर्द को समझते हुए प्रधानाध्यापक के साथ कई बैठकें कीं. इन पदों की आवश्यकताओं के 'व्यापक अध्ययन' जैसे बहाने सेवा विभाग द्वारा लगाए गए थे, जाहिर तौर पर एलजी के निर्देशों के तहत ऐसा किया गया."
244 स्कूल प्रिंसिपल पदों पांच साल से खाली
सिसोदिया ने यह भी कहा कि एलजी द्वारा बार-बार रोके जाने के बावजूद शिक्षा मंत्री के इतने प्रयास के बाद उनका कार्यालय बेशर्मी से दावा कर रहा है कि उन्होंने 126 पदों को बहाल किया है, इस तथ्य को छुपाते हुए कि उन्होंने वास्तव में 244 स्कूल प्रिंसिपल पदों को इस आधार पर समाप्त कर दिया है कि ये पिछले पांच साल से अधिक समय से खाली पड़े हैं.उन्होंने कहा, "अगर एलजी वास्तव में ईमानदार हैं और फिर से राजनीति नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें एक तारीख देनी चाहिए कि शेष 244 पदों को कब बहाल किया जाएगा. उन्हें पीछे नहीं हटना चाहिए. 'व्यापक अध्ययन' जैसे शब्द या स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति में बाधा डालने वाले लचर नौकरशाही का बहाना बनाना बंद करना चाहिए."
सिसोदिया ने कहा कि आलम यह है कि प्रधानाध्यापकों के 244 पदों की इसलिए भी जरूरत है, क्योंकि इतने सालों से बिना प्राचार्य के चल रहे स्कूलों में ये पद मौजूद हैं. सिसोदिया ने कहा, "अंत में, हम एलजी से गंदी राजनीति बंद करने का आग्रह करते हैं. पहले उन्होंने फिनलैंड में प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों की विदेश यात्रा को रोक दिया और अब वह 126 पदों को बहाल करने के झूठे दावे के तहत प्रधानाध्यापकों के 244 पदों को खत्म करना चाहते हैं.े"
इनपुट-आईएएनएस
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Published Date:February 5, 2023 10:25 AM IST
Updated Date:February 5, 2023 10:25 AM IST