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Success Story: देख नहीं सकता बेटा, इसलिए मां ने लिखी कॉपी, बेटे ने क्रैक कर ली यूपीएससी परीक्षा

सम्यक जैन देख नहीं सकते, इसलिए उनकी मां ने उनकी कॉपी लिखी. प्रारंभ‍िक परीक्षा से लेकर इंटरव्‍यू तक की बाधा को पार कर सम्‍यक ने यूपीएससी स‍िविल सेवा परीक्षा 2021 के पर‍िणाम में सातवां स्थान प्राप्‍त किया है.

Published: May 31, 2022 12:10 PM IST

By Vandanaa Bharti

UPSC Civil Services Exam Result 2020
पीएससी ने जारी किया सिव‍िल सेवा 2021 का परीक्षा पर‍िणाम

Success Story: सपने देखने और उन्‍हें पूरा करने के लिए आंखों की नहीं हिम्‍मत और जज्‍बे की जरूरत होती है और ये बात दिल्‍ली के सम्‍यक जैन ने साबित कर द‍िखाया है. सम्‍यक जैन आंखों से देख नहीं सकते, लेकिन उन्‍होंने आईएएस बनने का सपना देखा और उसे पूरा कर दिखाया. उन्‍होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 के पर‍िणाम में टॉप-10 में जगह बनाते हुए 7वां स्‍थान हासिल किया है.

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आसान नहीं था सफर, लेकिन पर‍िवार ने दिया साथ :

सम्‍यक जैन के लिए ये सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्‍होंने ये कर दिखाया क्‍योंकि उनका पूरा पर‍िवार उनके साथ इस तैयारी का ह‍िस्‍सा बन गया. सम्‍यक देख नहीं सकते हुए उनके घर वालों ने पढ़कर उनका स‍िलेबस पूरा कराया. उन्‍होंने याद रखने का काम किया. उनकी मां वंदना जैन ने उनका पेपर लिखा. यानी सम्‍यक ने सवालों के जवाब द‍िये और मां ने उनके जवाब लिखे. पिता एयर इंडिया में काम करते हैं, इसलिए उनके मामा जी पेपर दिलाने ले जाया करते थे.

20 साल की उम्र में दिखना हुआ बंद :

सम्‍यक बचपन में ठीक से देख सकते थे. स्‍कूल की पढ़ाई उन्‍होंने ठीक से की और फिर दिल्‍ली यूनिवर्स‍िटी कॉलेज में एडमिशन लिया. सम्यक की स्कूली शिक्षा मुंबई से हुई है और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की है. लेकिन धीरे धीरे उनके देखने की क्षमता कम होने लगी. 20 साल की उम्र के बाद करीब 23 या 24 साल की उम्र में सम्‍यक को पूरी तरह दिखना बंद हो गया. लेकिन सम्‍यक ने चुनौतियों से हार नहीं मानी. उन्‍होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी. ग्रेजुएशन के बाद उन्‍होंने जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशनल रिलेशन की डिग्री हासिल की.

उम्‍मीदवारों को दिए ये टिप्‍स :

1. शरीर की विकलांगता को अपने दिमाग पर हावी ना होने दें. मेहनत करें और कामयाबी हासिल करें. जो देख नहीं सकते, वह भी निराश ना हों, जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं.
2. जो छात्र देख नहीं सकते उनके लिए भी सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध है. यह पुस्तके ऑनलाइन भी उपलब्ध है. यह पुस्तकें बकायदा निशुल्क हैं.
3. आत्मविशवास में कमी ना आने दें. कभी नेगेटिव ना सोचें.
4. जो भी पढ़ें, उसे याद रखने के लिए रात में सोने से पहले एक बार दोहराएं जरूर.

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