UP Board Exam 2021: बोर्ड परीक्षा के लिए 56 लाख विद्यार्थियों ने कराया पंजीकरण

UP Board exam 2021: कोविड-19 (Covid-19) महामारी के कारण स्कूलों की पढ़ाई पर पड़े असर के बावजूद उत्तर प्रदेश बोर्ड (Uttar Pradesh Board) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं (UP Board Exam) में शामिल होने के लिए 56 लाख छात्र छात्राओं ने पंजीकरण (Registration) कराया है.

Updated: March 17, 2021 2:31 PM IST

By India.com Hindi News Desk

UP Board Exam 2021: बोर्ड परीक्षा के लिए 56 लाख विद्यार्थियों ने कराया पंजीकरण
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UP Board exam 2021: कोविड-19 (Covid-19) महामारी के कारण स्कूलों की पढ़ाई पर पड़े असर के बावजूद उत्तर प्रदेश बोर्ड (Uttar Pradesh Board) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं (UP Board Exam) में शामिल होने के लिए 56 लाख छात्र छात्राओं ने पंजीकरण (Registration) कराया है. इस साल परीक्षाओं में बैठने लिए कुल 56,03,813 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है. संयोग से यह साल उप्र माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (UP Board of Secondary Education) का शताब्दी वर्ष भी है.

यूपी बोर्ड (UP Board) के सचिव दिव्यकांत शुक्ला (Divyakant Shukla) ने कहा, “साल 2021 की परीक्षाओं के लिए हाई स्कूल के 29,94,312 छात्रों और इंटरमीडिएट के 26,09,501 छात्रों यानि कि कुल 56,03,813 छात्रों ने पंजीकरण कराया है. इस साल परीक्षाओं के लिए 8,513 परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे.”

दिलचस्प बात यह है कि 24 अप्रैल से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे छात्रों की कुल संख्या न्यूजीलैंड, कुवैत, नॉर्वे, फिनलैंड और आयरलैंड समेत करीब 118 देशों की जनसंख्या से भी अधिक है. इन देशों की कुल आबादी 56 लाख से भी कम है.

यूपी बोर्ड की स्थापना और उसके अब तक के सफर पर नजर डालें तो 1921 में इलाहाबाद में संयुक्त प्रांत विधान परिषद के एक अधिनियम के तहत इसकी स्थापना की गई थी. इसके बाद 1923 में इसने पहली परीक्षा आयोजित की थी. इन 100 वर्षों के समय में इसके हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले छात्रों की संख्या 976 गुना बढ़ गई है. इसके साथ ही यह परीक्षाएं संचालित कराने वाले दुनिया के सबसे बड़े निकायों में शामिल हो चुका है.

उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार 1923 में 179 केंद्रों पर आयोजित की गई पहली बोर्ड परीक्षा के लिए 5,744 छात्रों ने पंजीकरण कराया था. इसके बाद 1947 में परीक्षार्थी की संख्या बढ़कर 48,519 और केंद्रों की संख्या 224 और 1952 में छात्रों की संख्या बढ़कर 1,72,246 हो गई थी.

पिछले कुछ सालों में नकल विरोधी सख्त कदम उठाए जाने के बाद पंजीकरण कराने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन इसके बाद भी यह संख्या ज्यादा ही है. समय के साथ यूपी बोर्ड ने मेरठ (1973 में), वाराणसी (1978), बरेली (1981), प्रयागराज (1987) और गोरखपुर (2017) में भी अपने क्षेत्रीय कार्यालय खोले.

बोर्ड के अधिकारियों का कहना है, “परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ने से काम का बोझ भी कई गुना बढ़ गया है. साथ ही निष्पक्ष परीक्षाओं के लिए कई नकल विरोधी उपाय करने के अलावा नई तकनीकें भी अपनाई गई हैं.”

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