
भूपेश बघेल के पिता की मांग- EVM की जगह बैलेट पेपर से कराए जाएं चुनाव, ऐसा नहीं होने पर मांगी ‘इच्छामृत्यु’ की अनुमति
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता (Bhupesh Baghel Father) नंद कुमार बघेल (Nand Kumar Baghel) ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जगह बैलेट पेपर (Ballot Paper) से चुनाव कराने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर ‘इच्छामृत्यु’ की अनुमति मांगी है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता (Bhupesh Baghel Father) नंद कुमार बघेल (Nand Kumar Baghel) ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जगह बैलेट पेपर (Ballot Paper) से चुनाव कराने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर ‘इच्छामृत्यु’ की अनुमति मांगी है. राष्ट्रीय मतदाता जागृति मंच के अध्यक्ष नंद कुमार बघेल (Nand Kumar Baghel) ने राष्ट्रपति को भेजे पत्र में लिखा कि देश के नागरिकों के सभी संवैधानिक अधिकारों का व्यापक स्तर पर हनन हो रहा है और लोकतंत्र के तीनों स्तंभ-विधायिका, न्यायपालिका तथा कार्यपालिका ध्वस्त होते जा रहे हैं, मीडिया भी लोकतंत्र के तीनों स्तंभों के इशारे पर कार्य कर रही है, देश के नागरिकों के अधिकारों के संबंध में कोई सुनने वाला नहीं है.
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उन्होंने लिखा कि आम नागरिकों के मन में दहशत है और देश में इंसाफ पाने के लिए लोगों की पीढ़ी दर पीढ़ी गुजर जाती हैं, लेकिन इंसाफ नसीब नहीं हो पा रहा है. उन्होंने लिखा है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 700 से ज्यादा किसानों की मृत्यु या हत्या गलत नीतियों के कारण हुई है.
नंद कुमार बघेल (Nand Kumar Baghel) ने लिखा कि लोकतंत्र के सबसे बड़े अधिकार मतदान के अधिकार को ईवीएम मशीन द्वारा कराया जा रहा है। ईवीएम मशीन को किसी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यताप्राप्त संस्था या सरकार ने शत-प्रतिशत शुद्धता से काम करने का प्रमाणपत्र नहीं दिया है। फिर भी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में ईवीएम से मतदान कराकर मेरे वोट के उस संवैधानिक अधिकार का हनन किया जा रहा है, जिससे मेरे और देश के नागरिकों के सभी अधिकारों की रक्षा होती है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि निर्वाचन आयोग (Election Commission) और केंद्र सरकार का संवैधानिक कर्तव्य एवं दायित्व है कि वे चुनाव में मतदान और मतगणना की ऐसी पारदर्शी व्यवस्था लागू करें जिसका मूल्यांकन जनता और मतदाता खुद कर सकें.
उन्होंने लिखा कि बैलेट पेपर और बैलेट बॉक्स चुनाव की ऐसी ही व्यवस्था है जो दुनिया के तमाम विकसित देशों में अपनाई जा रही है. वे देश तकनीक में हमसे बहुत आगे हैं, फिर भी अपने नागरिकों के विश्वास के लिए मतपत्र और मतदान पेटी से ही चुनाव कराते हैं. हमारे देश की संवैधानिक संस्थाएं लोकतंत्र में जनता का विश्वास कायम रखने में पूर्णतः विफल होती जा रही हैं और इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है.
मुख्यमंत्री के पिता ने पत्र में लिखा है कि ऐसी परिस्थितियों में जब उनके सभी अधिकारों का हनन हो रहा है तो उनके जीने का उद्देश्य ही समाप्त होता जा रहा है और भारत का नागरिक होने के नाते उनकी प्रज्ञा उन्हें और जीने की इजाजत नहीं दे रही है. उन्होंने लिखा है कि माननीय राष्ट्रपति जी आपने संविधान की रक्षा की शपथ ली है, लेकिन मेरे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा नहीं हो पा रही है जिसके चलते मेरे पास इच्छामृत्यु के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं रहा.
नंद कुमार बघेल ने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रपति ईवीएम के स्थान पर मतपत्र एवं मतदान पेटी से चुनाव कराने का आदेश जारी करें और यदि ईवीएम के स्थान पर मतपत्र और मत पेटी से मतदान संभव नहीं है तो मुझे इस साल 25 तारीख को राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर इच्छामृत्यु करने की अनुमति प्रदान की जाए.
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