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मैदान पर आक्रामकता दिखाने से चूकते नहीं मोहम्मज सिराज; कहा- ये मेरी गेंदबाजी का हिस्सा है
भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रहे डब्ल्यूटीसी फाइनल की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार विकेट लिए हैं.
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) का मानना है कि आक्रामक रवैये से उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद मिलती है. सिराज को अक्सर अपने आक्रामक रवैये की वजह से सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ता है लेकिन युवा पेसर को इससे फर्क नहीं पड़ता
उन्होंने कहा कि इस आक्रामक रवैया के कारण ही उन्हें इतनी सफलता मिली है. 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में पदार्पण करने के बाद सिराज खेल के लंबे फॉर्मेट में भारत के शीर्ष गेंदबाज रहे है.
हैदराबाद के तेज गेंदबाज ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में टीम के सबसे बेहतर गेंदबाज रहे है. उन्होंने पहली पारी में चार विकेट चटकाने के बाद दूसरी पारी में डेविड वार्नर को चलता किया.
सिराज ने आईसीसी की वेबसाइट पर जारी वीडियो में कहा, ‘‘मेरी गेंदबाजी में आक्रामकता बहुत अहम है. टेस्ट क्रिकेट आक्रामकता पर आधारित है. यह केवल साधारण गेंद फेंकने और बिना प्रभाव छोड़े बिना जाने के बारे में नहीं है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं आक्रामकता के साथ गेंदबाजी करता हूं तो मैं अपने शरीर को व्यस्त रखता हूं. कुछ गेंदबाज आक्रामक रवैया अपनाने के बाद सही गेंदबाजी नहीं कर पाते है लेकिन इसके विपरीत मेरी गेंदबाजी सटीक होती है.’’
इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘जितनी अधिक आक्रामकता का इस्तेमाल मै अपने खेल में करता हूं, मुझे उतनी अधिक सफलता मिलती है. मुझे आक्रामकता के साथ खेलने में बहुत मजा आता है.’’
पिछले कुछ सालों में, सिराज ने मैदान पर एक आक्रामक व्यवहार विकसित किया है, जो गेंदबाजी करते समय अक्सर अपने विरोधियों के साथ तीखी बहस में उलझा रहता है. अपने क्रिकेट करियर पर बात करते हुए, उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने टेनिस-बॉल क्रिकेट से शुरुआत की और भारत के लिए खेलने की कभी कल्पना नहीं की.
सिराज ने कहा, “मैं बहुत टेनिस-बॉल क्रिकेट खेलता था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक भारतीय खिलाड़ी बन सकता हूं. मैं उन मैचों में अपना 100 प्रतिशत देता था. जब मैंने लीग में खेलना शुरू किया, तो यह पहली बार था जब मैं चमड़े की गेंद को छुआ. मुझे स्विंग और इनस्विंग के बारे में कुछ नहीं पता था. लेकिन फिर भी मैंने अपने पदार्पण पर पांच विकेट लिए. धीरे-धीरे मेरा आत्मविश्वास बढ़ता गया जैसे-जैसे मैं खेलता गया. यह मेरे दिमाग में कभी नहीं आया कि मैं भारत के लिए खेलूंगा, लेकिन मैं आनंद लेता रहा खेल.”
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