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दीप्ति शर्मा के मांकड़िंग रन आउट पर MCC की प्रतिक्रिया, बोली- कुछ भी गलत नहीं- बिल्कुल सही
क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था एमसीसी ने साफ कर दिया है कि रविवार को दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड की बल्लेबाज चार्लोट डीन को जिस अंदाज में मांकड़िंग आउट किया. उसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसके बावजूद इंग्लैंड के कई पूर्व खिलाड़ी इससे खुश नहीं हैं.
महिला क्रिकेट में भारत ने इंग्लैंड को वनडे सीरीज में 3-0 से क्या पीट दिया इंग्लैंड को यह हार नहीं पच रही है. दरअसल इंग्लैंड के मौजूदा और पूर्व खिलाड़ियों ने तीसरे वनडे में अपनी टीम के आखिरी विकेट को खेल भावना के विपरीत बताना शुरू कर दिया है, जिसमें चार्लोट डीन को दीप्ति शर्मा ने मांकड़िग रन आउट कर दिया था.
इसके बाद से ही वह मीडिया और सोशल मीडिया में शोर मचा रहे हैं कि यह खेल भावना के विरुद्ध था. लेकिन अब क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था एमसीसी ने ही साफ कर दिया है कि दीप्ति के इस रन आउट में कुछ भी गलत नहीं था. यह नियमों के मुताबिक बिल्कुल सही क्रिया थी.
क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने दीप्ति शर्मा मांकड़िंग रन आउट करने पर अपनी मुहर लगा दी. इंग्लैंड की आखिरी बल्लेबाज चार्लोट डीन (47) को गेंदबाजी छोर पर क्रीज से आगे निकल गई थीं. दीप्ति ने इस पर उन्हें बिना चेतावनी दिए रन आउट कर दिया. इससे भारत जीत हासिल करने में सफल रहा.
दीप्ति का रन आउट करना पूरी तरह से वैध था लेकिन फिर भी इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों ने नाखुशी जाहिर की. लेकिन एमसीसी ने रविवार को कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
एमसीसी ने एक बयान में कहा, ‘कल (शनिवार को) वास्तव में एक रोमांचक मैच का असामान्य अंत था, इसमें अधिकारियों ने उचित भूमिका निभाई और इसे और कुछ नहीं माना जाना चाहिए.’
इसमें कहा गया, ‘गेंदबाजी छोर पर बल्लेबाजों के लिए एमसीसी का संदेश यही रहेगा कि वे तब तक क्रीज पर रहें जब तक कि गेंदबाज के हाथ से गेंद को निकलते हुए नहीं देख लेते. ऐसा करने पर कल जैसा आउट नहीं हो सकता.’
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने खेल की परिस्थितियों को संशोधित करते हुए इस तरह के आउट होने को ‘अनुचित खेल’ से ‘रन आउट’ कर दिया था. ये बदलाव 1 अक्टूबर से लागू होंगे.
एमसीसी ने कहा कि यह मामले को स्पष्ट करने और बल्लेबाजों को यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि वे गेंद फेंके जाने से पहले गेंदाबजी छोर पर क्रीज को नहीं छोड़ें. बयान के अनुसार, ‘नियम स्पष्ट हैं, जिससे कि सभी अंपायरों के लिए खेल के सभी स्तरों और खेल के सभी क्षणों में आसानी से व्याख्या की जा सके.’
इसमें कहा गया, ‘क्रिकेट की भावना के संरक्षक के रूप में एमसीसी इसकी सराहना करता है कि दुनिया भर में इसकी अलग-अलग व्याख्या की जाती है. सम्मानजनक बहस स्वस्थ है और जारी रहनी चाहिए क्योंकि जहां एक व्यक्ति ऐसे उदाहरणों में गेंदबाज को खेल भावना का उल्लंघन करने के रूप में देखता है तो दूसरा गेंदबाजी छोर के बल्लेबाज को अपना मैदान जल्दी छोड़कर अनुचित लाभ प्राप्त करने की ओर इशारा करता है.’
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