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फ्लाइओवर के नीचे स्कूल, झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे ये नए जमाने के युवा
कई सालों से युवाओं का एक समूह झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहा है.
नई दिल्ली: एक तरफ जहां कोरोना (Covid-19) के कहर ने स्कूल (School) और कॉलेजों (College) के दरवाजे पर ताला लगा दिया है, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनका समाज को शिक्षित करने के हौसले को कोविड जैसी महामारी भी नहीं तोड़ पाया है. जी हां, देश में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बच्चों के भविष्य को संवारने के उद्देश्य से उन्हें सड़क किनारे बैठाकर मुफ्त शिक्षा (Free Education) देते हैं. ऐसा ही कुछ नजारा हमें दिल्ली के मयूर विहार फेज-1 (Mayurvihar Phase-1) के फ्लाइओवर के नीचे देखने को मिला है.
Delhi: A school set up under flyover in Mayur Vihar phase 1, provides regular education to children of nearby slum areas. A group of youth has been teaching the children for past several years and is currently also providing them coaching as schools remain closed due to #COVID19 pic.twitter.com/tkanjVBr15
— ANI (@ANI) April 14, 2021
यहां कई सालों से युवा पीढ़ी का एक समूह झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहा है. बता दें कि ये ग्रुप कक्षा नर्सरी से कक्षा दसवीं तक के बच्चों को पढ़ाते हैं. इस समय आस-पास के स्लम से लगभग 250 बच्चें इनसे पढ़ने आते हैं. सुबह 8 बजे से दोपहर के 2 बजे तक यहां पर बच्चों को पढ़ाया जाता है. इन युवकों के इस कदम को लोगों ने खूब प्रोत्साहित किया है.
Response is good. We’ve around 250 students right now, from Nursery-KG to class 10th. Classes run from 8 am-2 pm. We wanted to build a shelter here as classes get disrupted when it rains. We faced little difficulty from DDA but now it’s working properly: Deepak, a teacher here pic.twitter.com/V1JPCyxwcz
— ANI (@ANI) April 14, 2021
इस ग्रुप के एक शिक्षक जिनका नाम दीपक है उन्होंने बताया कि “हमारे यहां नर्सरी-केजी से दसवीं तक के लगभग 250 बच्चें पढ़ने आते हैं. यहां सुबह 8 बजे से दोपहर के 2 बजे तक बच्चों को पढ़ाया जाता है. बारिश के समय बच्चों को पढ़ाने में दिक्कत होती थी जिसकी वजह से हमें एक छत की जरूरत थी. शुरूआती दिनों में हमें डीडीए की तरफ से थोड़ी सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था लेकिन अब सब सही चल रहा है. हमारे इस कदम को लोगों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रया मिल रही है”
इस समूह के जज्बे को कोरोना भी हरा नहीं पाया तभी तो जहां सभी स्कूल कॉलेज बंद है वहां इन युवा शिक्षकों ने बच्चों को ज्ञान की रोशनी से दूर नहीं किया है. आज कोरोनाकाल में भी यहां बच्चों को पूरी शिक्षा दी जा रही है. हालांकि कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है और यह बच्चों तक भी पहुंच सकता है. ऐसे में फिलहाल बच्चों को एकत्रित करके इस तरह से पढ़ाना जोखिम भरा हो सकता है.