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भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में गहरा सकता है बिजली संकट, Metro सेवाओं पर भी असर संभव; केजरीवाल सरकार की केंद्र से अपील

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पर्याप्त कोयला सप्लाई की मांग की है. दिल्ली सरकार का कहना है कि नेशनल पावर पोर्टल की दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार NCPC के कई पावर स्टेशन पर कोयले की भारी कमी है.

Updated: April 29, 2022 9:26 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Parinay Kumar

Delhi New Electricity Policy
Delhi New Electricity Policy

देश के कई राज्य भीषण गर्मी की चपेट में हैं. कई राज्यों में पारा 45 डिग्री के पार पहुंच चुका है. गर्मी की वजह से बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. कई राज्य कोयले की खपत से भी जूझ रहे हैं. कोयले की उपलब्धता में कमी देखी जा रही है और इस वजह से बिजली संकट (Power Crisis) गहराता जा रहा है. इन सबके बीच दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पर्याप्त कोयला सप्लाई की मांग की है. दिल्ली सरकार का कहना है कि नेशनल पावर पोर्टल की दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार NCPC के कई पावर स्टेशन पर कोयले की भारी कमी है. दिल्ली सरकार ने बताया कि दादरी-2 पावर प्लांट में कोयले का सिर्फ एक दिन का स्टॉक बचा है. ऊंचाहार पावर प्लांट में दो दिनों का स्टॉक वहीं, कहलगांव में साढ़े तीन दिनों का स्टॉक बचा है. फरक्का में 5 दिनों का स्टॉक बचा है और झज्जर (अरावली) में 7-8 दिनों का स्टॉक बचा है.

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पावर प्लांट में कोयले का सीमित स्टॉक

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बिजली आपूर्ति करने वाले विभिन्न थर्मल स्टेशनों में इस समय कोयले की बहुत ज्यादा कमी है. नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरशन (एनटीपीसी) के दादरी और झज्जर (अरावली), दोनों पॉवर प्लांट्स मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे, लेकिन इन पॉवर प्लांट्स में कोयले का बेहद कम स्टॉक बचा है.

मेट्रो सेवाओं पर भी पड़ सकता है असर

दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में दादरी, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर पावर प्लांट से प्रतिदिन 1751 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है. दिल्ली को दादरी पावर स्टेशन से सबसे ज्यादा 728 मेगावाट, जबकि ऊंचाहार पावर स्टेशन से 100 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है. ऐसे में इन दोनों पावर स्टेशन से विद्युत आपूर्ति बाधित होने से दिल्ली मेट्रो एवं अस्पताल समेत कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है.

स्थिति पर सरकार की नजर

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राजधानी के कुछ इलाकों में लोगों को बिजली के संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए दिल्ली सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हरसंभव प्रयास कर रही है. वर्तमान में कोयले की कमी से जूझ रहे इन पॉवर स्टेशन के जरिए दिल्ली में 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की बिजली की मांग को पूरा किया जा रहा है.

केंद्र से दखल की अपील

दिल्ली के कुछ हिस्सों में ब्लैक आउट से बचने के लिए और डीएमआरसी, अस्पतालों और आगामी गर्मी के मौसम में बिजली की निरंतर आपूर्ति के लिए इन पॉवर स्टेशनों की अहम भूमिका रहती है. ऐसे में दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों में कोयले की उचित व्यवस्था होती रहे, इसके लिए केंद्र सरकार से मामले में दखल देने की अपील की है.

दिल्ली में बिजली की मांग अप्रैल में पहली बार 6,000 मेगावाट पहुंची

दिल्ली में तापमान बढ़ने के साथ बिजली की मांग अप्रैल के महीने में पहली बार गुरुवार को 6,000 मेगावाट पहुंच गई. बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. ‘स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर’ दिल्ली के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की मांग दोपहर तीन बज कर 31 मिनट पर 6,000 मेगवाट थी.

बिजली वितरण कंपनी के एक अधिकारी ने बताया, ‘अप्रैल में पहली बार, दिल्ली में बिजली की मांग 6,000 मेगावाट पर पहुंची है. यह बुधवार के 5,769 मेगावाट की तुलना में 3.7 प्रतिशत अधिक है.’ उन्होंने बताया कि दिल्ली में इस साल अप्रैल महीने में भीषण गर्मी पड़ने के चलते शहर में बिजली की मांग महीने की शुरुआत के बाद से 34 प्रतिशत बढ़ गई है.

(इनपुट: IANS,भाषा)

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Published Date: April 28, 2022 11:26 PM IST

Updated Date: April 29, 2022 9:26 AM IST