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Delhi News: दिल्ली के नए उपराज्यापल वीके सक्सेना ने जबसे कार्यभार संभाला है, तबसे वे एक्शन मोड में काम कर रहे हैं और ताबड़तोड़ कई फैसले ले रहे हैं. अब दिल्ली के उपराज्यपाल ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी), नगर निगम (एमसीडी) के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और निर्देश दिया है कि दिल्ली में जर्जर व खतरनाक हो चुके इमारतों की पहचान करें. मानसून से पहले या तो इनकी मरम्मत करें या फिर इन्हें ढ़हा दें. एलजी ने जर्जर इमारतों को लेकर ये आदेश दुर्घटना से बचाव के उद्देश्य से दिए हैं.
एलजी वीके सक्सेना ने एमसीडी के विशेष अधिकारी और आयुक्त के अलावा एनडीएमसी अध्यक्ष को लिखित निर्देश जारी कर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई शुरू करने और रिपोर्ट जमा करने को कहा है.
एलजी ने एमसीडी और एनडीएमसी को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि खतरनाक भवनों से कोई दुर्घटना या जान-माल का नुकसान न हो. इसके लिए स्थानीय निकायों को ऐसे संवेदनशील भवनों को गिराने या उनकी मरम्मत करने के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा जाए
एलजी ने एजेंसियों को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने के लिए भी कहा है जो किसी भी आपात स्थिति में दमकल या क्रेन को काम करने के लिए सहज पहुंच वाले उपयुक्त स्थान प्रदान करें.
इस बारे में संबंधित जिलाधिकारियों के परामर्श से प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए.
पूर्व महापौर ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि विभागों ने नालों की सफाई अभी तक पूरी नहीं की है. इससे दिल्ली की सड़कों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. निगम ने अपने नालों की सफाई पूरी कर ली है और 688 नालों से 91380.25 मैट्रिक टन गाद निकाली है, लेकिन दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले नालों की सफाई नहीं हुई है.मानसून से पूर्व इन बड़े नालों से गाद निकालने का कार्य पूरा नहीं किया गया तो दिल्ली की कालोनियों व सड़कों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
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