
Delhi Earthquake: नए साल पर दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके, 3.8 मापी गई तीव्रता
Earthquake News: नए साल के जश्न के बीच दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके (Delhi Earthquake News) महसूस किये गए. रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई.

Earthquake News: नए साल के जश्न के बीच दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके (Delhi Earthquake News) महसूस किये गए. रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) ने बताया कि भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था और इसकी गहराई जमीन से 5 किलोमीटर नीचे थी. भूपंक के झटके देर रात 1 बजे 19 मिनट पर महूसस किये गए. फिलहाल जानमाल के किसी नुकसान की कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि दिल्ली में बीते कुछ महीनों में कई बार भूकंप के झटके लग चुके हैं.
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#UPDATE | An earthquake of Magnitude 3.8 jolted the national capital and surrounding areas at around 1.19 am. The epicentre of the earthquake was in Haryana’s Jhajjar & its depth was 5 km below the ground: National Center for Seismology pic.twitter.com/rf0jfi7rrs
— ANI (@ANI) December 31, 2022
क्या है रिक्टर स्केल?
रिक्टर स्केल भूकंप की तीव्रता मापने का एक मापक है. अमेरिकी भूकंपविज्ञानी चार्ल्स एफ रिक्टर और बेनो गुटेनबर्ग ने साल 1935 में इसे तैयार किया था. भूकंप की तीव्रता सिस्मोग्राफ पर ऊंची लाइनों के रूप में दिखती है. हालांकि, आज के आधुनिक युग में भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए कई आधुनिक यंत्र और टेक्नोलॉजी आ चुकी हैं, जो भूगर्भीय हलचल को बारीकी से पकड़ लेती है. लेकिन फिर भी जब बात भूकंप की तीव्रता की आती है तो रिक्टर स्केल के पैमाने पर ही इसकी गणना को लिखा और समझा जाता है.
शुरुआती दौर में रिक्टर स्केल को मध्यम आकार के भूकंप को मापने के लिए तैयार किया गया था. इसके तहत 3 से 7 तीव्रता के भूकंप को मापा जा सकता था. इससे दो या दो से ज्यादा भूकंपों की तीव्रता और नुकसान का अंदाजा लगाना आसान होता था. आज आधुनिक दौर के सिस्मोग्राफ को रिक्टर स्केल के अनुसार काम करने के लिए कैलिबर किया गया है और इसमें भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
भूकंप आए तो क्या करें क्या न करें?
- भूकंप के झटके महसूस हो तो तुरंत फर्श पर बैठ जाएं और सिर को नीचे की तरफ झुकाकर रखें. बेहतर होगा कि आप किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर की आड़ लेकर अपना बचाव करें.
- घर के बुजुर्ग और बच्चों पर खास ध्यान रखें, उन्हें हौसला दें और बचाव के तरीके बताकर उन्हें सबसे पहले सुरक्षित करें.
- भूकंप का झटका बहुत तेज है तो सावधानी से अपने घरों से बाहर निकलकर खुले मैदान या सड़क पर चले जाएं.
- अगर घर से निकलने का रास्ता संकरा है और दोनों ओर घर बने हुए हैं तो बाहर निकलने की बजाए घर में ही रहें.
- भूकंप आने पर कांच, खिड़की, पंखा या झूमर आदि जैसी किसी भी भारी और गिरने वाली चीज से दूर रहें.
- अगर आप बिस्तर पर लेटे हैं तो तकिये से अपने सिर को ढंक लें. बच्चों पर निगरानी रखें.
- घर से बाहर निकलकर खुले मैदान या सड़क पर खड़े हों तो इसका जरूर ध्यान रखें कि आसपास बिजली, टेलीफोन के खंभे या बड़े पेड़ तो नहीं.
- अगर भूकंप आए और उस वक्त अगर आप ड्राइव कर रहे हैं तो गाड़ी को किसी सुरक्षित स्थान पर रोक लें और कुछ देर गाड़ी में ही बैठे रहें.
- हमेशा बहुत तेज भूकंप आने के कुछ घंटों तक आफ्टर शॉक्स आ सकते हैं. इनसे बचने का इंतजाम पहले ही कर लें. आफ्टर शॉक्स आने की कोई तय अवधि नहीं होती है. ऐसी परिस्थितियों में धैर्य रखें और अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें.
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