
Toolkit Case: दिल्ली पुलिस ने Twitter India के एमडी से विवादास्पद टूलकिट केस में की पूछताछ!
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक वरिष्ठ-स्तरीय टीम ने कांग्रेस से संबंधित विवादास्पद टूलकिट मामले में पूछताछ करने बेंगलुरु पहुंची थी

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने टि्वटर इंडिया (Twitter India) के एमडी (MD) मनीष माहेश्वरी (Manish Maheshwari ) से ‘कांग्रेस से संबंधित विवादास्पद ( toolkit row) ‘टूलकिट केस’ मामले (Toolkit case) में पूछताछ की है. सूत्रों का कहना है कि, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक वरिष्ठ-स्तरीय टीम (Delhi Police’s Special Cell)’कांग्रेस टूलकिट मामले’ के संबंध में ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी से पूछताछ करने के लिए 31 मई को कर्नाटक के शहर बेंगलुरु गई थी. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस से संबंधित विवादास्पद टूलकिट मामले में पूछताछ करने बेंगलुरु में पूछताछ की है.
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बता दें कि पिछले कुछ महीनों में ट्विटर और भारत सरकार के बीच कई बार टकराव हुए, जिनमें किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ टकराव शामिल है. दोनों के बीच तब भी टकराव की स्थिति बनी जब अमेरिकी कंपनी ने सत्तारुढ़ दल बीजेपी के कई नेताओं के राजनीतिक पोस्ट को “मैनिपुलेटेड मीडिया” (तोड़ मरोड़) के तौर पर टैग कर दिया जिस पर केंद्र ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.
Delhi Police say they’ve received complaint against actor Swara Bhaskar, Twitter India MD Manish Maheshwari & others at Police Station Tilak Marg, in connection with incident in Loni (Ghaziabad) where a man was thrashed & his beard was chopped off. “It is under inquiry,” they say
— ANI (@ANI) June 17, 2021
देश के नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के पालन को लेकर सरकार लगातार टि्वटर को चेता रही है, वहीं, ट्विटर ने मंगलवार को कहा था कि उसने भारत के लिए अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त कर लिया है और जल्द ही अधिकारी का ब्यौरा सीधे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा.
वहीं, कल बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश के नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने और उनका पालन करने में विफल रहने के लिए ट्विटर की आलोचना की थी. इसके साथ ही ट्विटर ने भारत में मध्यस्थ प्लेटफार्म को मिलने वाली छूट हक खो दिया है और उपयोगकर्ताओं के किसी भी तरह की गैरकानूनी सामग्री डालने पर वह उसकी जिम्मेदार होगी.
ट्विटर ने कथित रूप से नए नियमों का पूरी तरह पालन नहीं किया. नए नियमों यानी मध्यस्थ दिशानिर्देशों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों के लिए शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना और कानून प्रवर्तन के साथ समन्वय के लिए अधिकारी नियुक्त करना जरूरी है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि नये नियम 26 मई से लागू हो गए हैं. ट्विटर ने अतिरिक्त समय समाप्त होने के बाद भी जरूरी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की, जिसके साथ उसने भारत में संरक्षित प्रावधान के जरिए मिलने वाली रियायतों का अधिकार खो दिया है.
प्रसाद ने कहा कि ट्विटर मध्यस्थ नियमों का पालन करने में विफल रहा और उसने कई अवसर मिलने के बावजूद जानबूझकर इनका पालन ना करने का रास्ता चुना. उन्होंने कहा कि अगर किसी विदेशी इकाई को लगता है कि वह देश के कानून का पालन करने से बचने के लिए भारत में खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ध्वजवाहक के तौर पर पेश कर सकती है तो “इस तरह की कोशिशें व्यर्थ” हैं.
प्रसाद ने अलग-अलग सोशल मीडिया मंचों पर डाले गए पोस्ट में कहा था, ” इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर संरक्षण प्रावधान की हकदार है। इस मामले का सामान्य तथ्य यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुए मध्यस्थ दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रही है.” उन्होंने स्वेदशी माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू और फिर ट्विटर पर डाले गए सिलसिलेवार कई संदेशों में कहा कि अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी को कई अवसर दिए गए, लेकिन उसने जानबूझकर इनका पालन नहीं करने का रास्ता चुना.
भारत में मध्यस्थ का दर्जा खोने से कथित गैरकानूनी सामग्री डाले जाने के किसी भी आरोप की स्थिति में ट्विटर को उसका प्रकाशक माना जाएगा और कानूनों के तहत उसे सजा दी जा सकती है. संरक्षण (हार्बर) प्रावधान, एक कानून या विनियम का प्रावधान है जो निर्दिष्ट करता है कि किसी निश्चित आचरण को, दिए गए नियम का उल्लंघन करने वाला ना माना जाए.
सरकार ने ट्विटर को कुछ दिन पूर्व दिए एक नोटिस में कहा था कि उसे सूचना प्रौद्योगिकी कानून संबंधी नए नियमों के अनुपालन का आखिरी मौका दिया जाता है. उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है. यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे आईटी कानून के तहत मध्यस्थ मंच के नाते दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी. इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा.
जवाब में ट्विटर ने मंगलवार को कहा था कि उसने भारत के लिए अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त कर लिया है और जल्द ही अधिकारी का ब्यौरा सीधे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा. कंपनी ने कहा था, “एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया गया है और इससे जुड़ा ब्यौरा जल्द ही सीधा मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा. ट्विटर नए दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है.”
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