
दलेर मेहंदी का म्यूजिक इंडस्ट्री पर फूटा गुस्सा, बोले- किसी गाने का कोई सिर-पूंछ नहीं है, पागल हो गए हैं...
दलेर मेहंदी (Daler Mehndi) को संगीत उद्योग में दो दशक से अधिक समय हो गया है. उन्होंने कहा, "इतने सालों में मैंने इंडस्ट्री को पागल होते देखा है."

नई दिल्ली: साल 1995 में अपना पहला एल्बम ‘बोलो ता रा रा’ रिकॉर्ड करके पूरे देश में अपना जलवा बिखेरने वाले गायक दलेर मेहंदी (Daler Mehndi) को संगीत उद्योग में दो दशक से अधिक समय हो गया है और उनका कहना है कि उन्होंने इस इंडस्ट्री को करीब से समझा है. दलेर ने आईएएनएस से कहा, “इतने सालों में मैंने इंडस्ट्री को पागल होते देखा है. वे किसी भी तरह के गाने और रीमिक्स बनाने के बारे में कुछ भी करने की कोशिश कर रहे हैं. लता मंगेशकर, श्रेया घोषाल और सुनिधि चौहान जैसी महिला आवाजें ऐसी खूबसूरत आवाजें हैं. लेकिन अब महिलाए पुरुषों की आवाज में गा रही हैं और पुरुष महिलाओं की आवाज में गा रहे हैं. किसी गीत का कोई सिर या पूंछ नहीं है, यह सच है.”
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उन्होंने आगे कहा, “अब, संगीत फिर से बदलना शुरू हो गया है और यह अच्छा है. शो में जो बच्चे गा रहे हैं, वे कितने अच्छे हैं और जो जज सामने बैठे हैं, उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा है. प्रतिभागी उनसे एक हजार गुना बेहतर हैं. संगीत अब अच्छा है. नई पीढ़ी बहुत अच्छी है.
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बता दें कि साल 1997 में पहली बार दलेर मेहंदी ने मृत्युदात्ता नामक फिल्म में ‘ना ना ना रे’ नाम का गाना गाया था. इस गाने को दलेर मेहंदी के द्वारा कम्पोज भी किया गया था और इस फिल्म के गाने को अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था.
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