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न हिंदी, न तमिल...कंगना रनौत के बस में होता तो इस भाषा को बनाती देश की 'राष्ट्रीय भाषा', एक्ट्रेस के जवाब ने जीता सबका दिल

Kangana Ranaut on Hindi language Controversy: बॉक्स ऑफिस पर पैन इंडियन फिल्मों को मिली अपार सफलता के बाद अब साउथ फिल्म इडंस्ट्री की तुलना बॉलीवुड से होने लगी है.

Published: April 29, 2022 8:16 PM IST

By Akarsh Shukla

न हिंदी, न तमिल...कंगना रनौत के बस में होता तो इस भाषा को बनाती देश की 'राष्ट्रीय भाषा', एक्ट्रेस के जवाब ने जीता सबका दिल

Kangana Ranaut on Hindi language Controversy: फिल्म इंडस्ट्री में हिंदी भाषा को लेकर जारी विवाद में अब ‘धाकड़’ (Dhaakad) एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) भी कूद पड़ी हैं. शुक्रवार को उन्होंने अपनी फिल्म ‘धाकड़’ के ट्रेलर लॉन्च (Dhaakad Trailer) के मौके पर मीडिया से इस मुद्दे पर बेधड़क बात की. याद दिला दें कि बीते दिनों साउथ के मशहूर एक्टर किच्चा सुदीप (kiccha sudeep) ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हिंदी भाषा अब राष्ट्रीय बोलचाल वाली भाषा नहीं रह गई है. उनकी इस टिप्पणी पर रिएक्शन देते हुए बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन (Ajay Devgan) ने कड़े शब्दों में जवाब दिया था. अजय ने अपने एक ट्वीट में लिखा कि हिंदी हमारी (Hindi language) मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा (National language) है और हमेशा रहेगी. अब इस मामले पर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई और दिग्गजों के रिएक्शन सामने आ रहे हैं.

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हिंदी विवाद पर कंगना ने दिया धाकड़ जवाब

गौरतलब है कि बॉक्स ऑफिस पर पैन इंडियन फिल्मों को मिली अपार सफलता के बाद अब साउथ फिल्म इडंस्ट्री की तुलना बॉलीवुड से होने लगी है. अपनी फिल्म ‘धाकड़’ का ट्रेलर रिलीज करते हुए कंगना रनौत ने भी इस मामले पर अपनी समझदारी भरी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ‘जो भी हमारा सिस्टम या सोसायटी है, इसमें कई तरह के लोग है. अलग-अलग संस्कृति है, रिश्ते हैं भाषाए हैं. हर एक का जन्मसिद्ध अधिकार है. मैं एक पहाड़ी हूं तो मैं अपने कल्चर और भाषा पर गर्व महसूस करती हूं. लेकिन जैसे हमारा देश है, ये एक यूनिट है. हमें एक धागा चाहिए जो इसे चला सके.’

कंगना इसे बनाना चाहती हैं राष्ट्रीय भाषा

एक्ट्रेस ने आगे कहा, ‘हम सभी को संविधान का सम्मान करना चाहिए, इसी संविधान ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाया है. देखा जाए तो तमिल, हिंदी से भी पुरानी भाषा है, उससे भी पुरानी है संस्कृत भाषा. अगर आप मेरा रिएक्शन भाषा विवाद पर पूछना चाहते हैं तो मुझे लगता है कि राष्ट्रीय भाषा संस्कृत होनी चाहिए. तमिल, गुजराती हिंदी समेत कई भाषाएं संस्कृत से आई हैं. संस्कृत को राष्ट्रीय भाषा न बनाकर हिंदी को बनाया गया, इसका जवाब मेरे पास नहीं है. ये उस समय के लिए हुए फैसले हैं.’ हालांकि कंगना ने आखिर में कहा कि हिंदी का अपमान हमारे संविधान का अपमान है. दिल्ली सरकार जो भी करती है हिंदी में ही तो करती है. अगर मेरे हाथ में होगा तो मैं संस्कृत भाषा को लीगल करूंगी.

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