
'सबसे तकलीफ़-देह होता है किसी को अलविदा कहना', पंचतत्व में विलीन हुईं लता दीदी, बहुत याद आएंगी
lata Mangeshkar Funeral: मृत्यु शाश्वत है. लेकिन ये भी सच है सबसे तकलीफ़-देह होता है किसी को अलविदा कहना. बहुत उदास है ये शाम. विश्वास नहीं होता स्वर की देवी लता मंगेशकर अब नहीं रहीं.

lata Mangeshkar Funeral: मृत्यु शाश्वत है. लेकिन ये भी सच है सबसे तकलीफ़-देह होता है किसी को अलविदा कहना. बहुत उदास है ये शाम. विश्वास नहीं होता स्वर की देवी लता मंगेशकर अब नहीं रहीं. उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. मुंबई के शिवाजी पार्क में लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी. सीएम उद्धव ठाकरे. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार समेत कई बड़े नेता और हिंदी सिनेमा की हस्तियां मौजूद थे. लेकिन किसी ने ठीक ही कहा है ये शरीर तो चला जाता है लेकिन यादें रह जाती हैं. बेमिसाल आवाज की धनी रहीं लता मंगेशकर के गाए गाने सुनकर कई पीढ़ियां बड़ी हुई हैं. छोटी सी उम्र में अपने भाई- बहन की ऊंगली थामने वाली. एकाएक बच्ची से एक जिम्मेदार बहन बनने वालीं लता दीदी ने इस दुनिया को आज हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.
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लंबे समय से बीमार चल रही लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Passes Away) का 92 साल की उम्र निधन हो गया. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Death) का इलाज चल रहा था. आज सुबह करीब सवा आठ बजे उन्होंने हमेशा हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद कर ली.

lata Mangeshkar Funeral
बता दें कि लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Death) के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने सात फरवरी को सार्वजनिक छुट्टी घोषित की है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई राजनेताओं और फिल्म जगत की हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है.
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