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मीना कुमारी पुण्यतिथि: 18 साल की उम्र में 3 बच्चों के पिता कमाल अमरोही से रचाई थी शादी, ऐसी थी ट्रेजिडी क्वीन की जिंदगी

Meena Kumari Death Anniversary: पाकीजा, बैजू बावरा, दिल अपना प्रीत पराई जैसी कई हिट फिल्मों देने वाली मीना कुमारी का निधन 31 मार्च 1972 को हुआ था.

Updated: March 31, 2022 9:01 AM IST

By Shilpi Singh | Edited by Shilpi Singh

मीना कुमारी पुण्यतिथि: 18 साल की उम्र में 3 बच्चों के पिता कमाल अमरोही से रचाई थी शादी, ऐसी थी ट्रेजिडी क्वीन की जिंदगी

Meena Kumari Death Anniversary: साहिब बीबी और गुलाम, पाकीजा, मेरे अपने, बैजू बावरा, दिल अपना प्रीत पराई जैसी कई हिट फिल्मों की नायिका मीना कुमारी (Meena Kumari) का निधन 31 मार्च 1972 को हुआ था. मीना कुमारी (Meena Kumari Death Anniversary) एक ऐसी अदाकारा थी जिनके अभिनय की गहराई कभी नापी नहीं जा सकती है. वहीं, उनकी खूबसूरती की तारीफ करने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे. हालांकि मीना कुमारी की जिंदगी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. असल में जब मीना कुमारी जब पैदा हुईं तो उनके परिवार में कोई खुशी नहीं मनाई गई. मीना कुमारी के पिता को बेटे की उम्मीद थी लेकिन पैदा हुई मीना यानि कि ‘महजबीं बानो’, लेकिन वक्त औऱ किस्मत से लड़कर उन्होंने खुद को वो सितारा बनाया जिसे हर कोई छुना चहाता था. वहीं घर की माली हालत ठीक नहीं थी इसलिए कम उम्र में ही काम करना पड़ा और महज 5 साल से ही वो काम करने लग गई. आइए जानते हैं उनकी जिंदगी के बारे में कुछ खास बातें. (Meena Kumari Life Story)

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4 साल की उम्र में जुड़ा फिल्म स्टूडियो से रिश्ता

अली बक्श के लिए घर चला पाना मुश्किल था, जिससे वो 4 साल की महजबीं को भी अपने साथ फिल्म स्टूडियो ले जाने लगे और मीना कुमार के खूबसूरत को देखकरडायरेक्टर विजय भट्ट ने उन्हें अपनी फिल्म लेदरफेस में कास्ट कर लिया. पहले दिन ही उन्हें 25 रुपए फीस मिली, जो उस समय काफी बड़ी रकम होती थी. ये फिल्म 1939 में रिलीज हुई, जिसके बाद घर की आर्थिक जिम्मेदारी 6 साल की महजबीं पर आ गई. महजबीं ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अधूरी कहानी (1939), पूजा (1940), एक ही भूल (1940) में काम किया, जहां उन्हें नाम मिला ‘बेबी मीना’। ये नाम उन्हें डायरेक्टर विजय भट्ट ने दिया.

सुपरहिट फिल्मों का रही हिस्सा

मीना कुमारी ने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं। मीना कुमारी ने अपने करियर की शुरुआत साल 1939 में आई फिल्म ‘लेदरफेस’ से की थी. बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट 11 फिल्में करने के बाद उनको ‘बच्चो का खेल’ में लीड एक्ट्रेस बनने का मौका मिला था. उस वक्त उनकी उम्र 13 साल थी, साल 1952 में आई फिल्म ‘बैजू बावरा’ ने उनको पहचान दिलाई. इसके बाद वो पीछे मुड़कर नहीं देखी। मीना ने तीस साल के करियर में तकरीबन 90 फिल्मों में काम किया.

कमाल अमरोही और मीना कुमारी की लव स्टोरी

कमाल अमरोही और मीना कुमारी की लव स्टोरी तो सालों पहले शुरू हो चुकी थी, लेकिन इसको अंजाम मिला जब अशोक कुमार ने दोनों के फिर से मिलावाय औऱकमाल ने मीना को फिल्म अनारकली ऑफर की। कुछ समय बाद मीना का एक्सीडेंट हुआ, वो अस्पताल में भर्ती रहीं. कमाल रोजाना उनसे मिलने जाया करते थे और जब पाबंदिया होती थीं, तो दोनों एक-दूसरे को खत लिखते थे.करीब 4 महीनों के इस सिलसिले में दोनों की मोहब्बत परवान चढ़ी और 14 फरवरी 1952 को दोनों ने गुपचुप तरीके से निकाह कर लिया, इस समय मीना महज 18 और कमाल 34 साल के थे.

कैद में नहीं रहना चाहती थीं मीना कुमारी

कहा जाता है कमाल अमरोही मीना को लेकर बहुत पजेसिव रहते थे। मीना कुमारी के मेकअप रूम में किसी मेल शख्स की एंट्री पर सख्त पाबंदी थी, वहीं शादी की वजह से उनके घरवालों ने उनसे रिश्ता तोड़ लिया था. ऐसे में मीना कुमार एक ऐसी जिंदगी के बंध गई थी, जहां पर वो सांस भी अपनी मर्जी से नहीं ले पा रही थी. कमाल अमरोही और मीना कुमारी का रिश्ता इतने बुरे दौर से गुजरा की नरगिस ने बताया था कि उन्होंने दोनों के कमरे से मारपीट तक की आवाजा सुनी थी. मीना की जिंदगी काफी दर्द भरी रही जिसकी वजह से उन्हें ट्रेजिडी क्वीन कहा जाने लगा. ‘पाकीजा’ के रिलीज होने के तीन हफ्ते बाद, मीना कुमारी गंभीर रूप से बीमार हो गईं. वे अपनी जिंदगी में इतनी अकेली हो गई थीं कि शराब का सहारा लेने लगीं, धीरे-धीरे उन्हें शराब की लत लग गई और आखिरकार 31 मार्च 1972 को मीना कुमार दुनिया को अलविदा कह गईं

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