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पीएम मोदी को मिला पहला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, देशवासियों को किया समर्पित

Lata Deenanath Mangeshkar Award: मुंबई में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से नवाजा गया.

Published: April 24, 2022 6:39 PM IST

By Parinay Kumar

PM Modi

Lata Deenanath Mangeshkar Award: मुंबई में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से नवाजा गया. मुंबई में 80वें वार्षिक मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार (Lata Deenanath Mangeshkar Award) समारोह में राष्ट्र और समाज के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए यह पुरस्कार दिया गया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मुझे गर्व होता है कि लता दीदी मेरी बड़ी बहन थीं. पीढ़ियों को प्रेम और भावना का उपहार देने वाली लता दीदी की तरफ से हमेशा एक बड़ी बहन जैसा अपार प्रेम मुझे मिला है. इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है.

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उन्होंने कहा कि संगीत एक साधना और भावना भी है. संगीत आपको राष्ट्रभक्ती और कर्तव्य बोध के शिखर तक पहुंचा सकता है. हम सब सौभाग्यशाली है कि हमने संगीत की इस शक्ति लता दीदी के रूप में साक्षात देखा है. हमें अपने आंखों से उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला है.

पीएम ने कहा कि पुरस्कार जब लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम से हो तो मेरे लिए उनके अपनत्व और प्यार का ही एक प्रतीक है. मैं इस पुरस्कार को सभी देशवासियों के लिए समर्पित करता हूं. जिस तरह लता दीदी जन-जन की थीं. उसी तरह से उनके नाम से मुझे दिया गया ये पुरस्कार जन-जन का है. प्रधानमंत्री ने कहा कि लता दीदी ने आजादी से पहले से भारत को आवाज दी. इन 75 वर्षों की देश की यात्रा उनके सुरों से जुड़ी रही. इस पुरस्कार से लता जी के पिता जी दीनानाथ मंगेशकर जी का नाम भी जुड़ा है. मंगेशकर परिवार का संगीत के लिए जो योगदान रहा है उसके लिए हम सभी देशवासी उनके ऋणी हैं.

उन्होंने कहा कि लता दीदी उम्र और कर्म से बड़ी थीं. लता दीदी ने संगीत में वो स्थान हालिस किया कि लोग उन्हें मां सरस्वती का प्रतिरूप मानते थे. उनकी आवाज ने करीब 80 वर्षों तक संगीत जगत में अपनी छाप छोड़ी थी. उन्होंने कहा कि संगीत के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति की जो चेतना दीदी के भीतर थी, उसका स्रोत उनके पिताजी थे. आजादी की लड़ाई के दौरान शिमला में ब्रिटिश वायसराय के कार्यक्रम में दीनानाथ जी ने वीर सावरकर का लिखा गीत गया था और उसकी थीम पर प्रदर्शन किया था.

प्रधानमंत्री ने कहा कि संगीत के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति की जो चेतना दीदी के भीतर थी, उसका स्रोत उनके पिताजी थे. आज़ादी की लड़ाई के दौरान शिमला में ब्रिटिश वायसराय के कार्यक्रम में दीनानाथ जी ने वीर सावरकर का लिखा गीत गया था और उसकी थीम पर प्रदर्शन किया था.

(इनपुट: ANI)

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Published Date: April 24, 2022 6:39 PM IST