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RIP Lata Mangeshkar: जब दिलीप कुमार और लता मंगेशकर ने 13 सालों तक एक दूसरे से नहीं की थी बात, जानें पूरी कहानी

RIP Lata Mangeshkar Know The Amazing Story With Diip Kumar: दिलीप कुमार लता मंगेशकर का एक बहुत ही खास रिश्ता था, दरअसल दिलीप कुमार लता मंगेशकर को अपनी छोटी बहन की तरह मानते थे.

Updated: February 6, 2022 9:52 AM IST

By Shilpi Singh | Edited by Shilpi Singh

Lata Mangeshkar pays emotional tribute to dilip kumar says chhoti behan ko chhor ker chale gaye
Lata Mangeshkar pays emotional tribute to dilip kumar

RIP Lata Mangeshkar: बॉलीवुड की सुर कोकिला कही जाने वाली लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अब हमारे बीच नहीं रही और उन्होंने 92 साल की उम्र में दुनिया में अलविदा कह दिया. बता दें कि स्वर कोकिला लता दीदी(RIP Lata Mangeshkar) कोरोना निमोनिया से ग्रसित थी. ऐसे में आज हम आप आपको सिंगर के लाइफ से जुड़े हुए कुछ खास किस्से सुनाएंगे जिसमें स्वर्गी दीलिप कुमार (Dilip Kumar) का जिक्र भी होगा. दरअसल दोनों वैसे तो एक दूसरे को भाई बहन बोलते थे लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब दोनों ने करीब 13 सालों तक एक दूसरे से बात नहीं की थी, लेकिन जब रिश्ता बना तो वो आखिरी सांसों तक निभाया.

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बॉलीवुड के सुपरस्टार दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने 60 के दशक में अपनी बेहतरीन अदाकारी से हमेशा ही फैंस को अपना दीवाना बनाया. वहीं, सुरों की मलिका कहलाने वाली मशहूर सिंगर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को दिलीप कुमार (Dilip Kumar) अपनी छोटी बहन की तरह मानते थे. साल 1957 में ऋत्विक घटक की विद्रोही कहानी मुसाफिर पर हृषिकेश मुखर्जी फिल्म बना रहे थे, ये उनकी पहली फिल्म थी. संगीत के लिए उन्होंने अपने मित्र और सुप्रसिद्ध संगीतकार सलिल चौधुरी को जोड़ा. फिल्म में तीन कहानियां थी और एक कहानी के हीरो थे दिलीप कुमार. फिल्म के हर पक्ष में दखल देने की दिलीप कुमार की आदत के चलते सलिल चौधुरी के साथ संगीत पर भी बात हुई.

गाने की एक सिचुएशन के लिए गाना चुना गया ‘लागी नाही छूटे’ जो राग पीलू पर आधारित था. ये राग भी दिलीप कुमार की पसंद था. रिकॉर्डिंग का दिन तय हुआ, लेकिन रिकॉर्डिंग के दिन लता मंगेशकर के साथ गाना गाने से वो असहज थे. काफी टालमटोल के बाद भी वो तैयार नहीं हो पाए.

सलिल चौधुरी ने उन्हें ड्रिंक पिलाकर थोड़ा जोश दिलाया, लेकिन रिकॉर्डिंग में उनकी आवाज बेसुरी और पतली सुनाई दी. रेकॉर्डिंग बर्बाद हो गयी. दिलीप कुमार, इस घटना के बाद लता से थोड़ा और नाराज रहने लगे. लता और दिलीप कुमार ने करीब 13 सालों तक एक-दूसरे से कोई बात नहीं की. फिर एक दिन 1970 में लता ने दिलीप कुमार को राखी बांधी और इस पूरी लड़ाई का अंत कर दिया. दिलीप कुमार के अलावा लता मंगेशकर गायक मुकेश और संगीतकार मदन मोहन को भी राखी बांधती थी.

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Published Date: February 6, 2022 9:50 AM IST

Updated Date: February 6, 2022 9:52 AM IST