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RRR Real Life Heroes: साउथ सिनेमा की मोस्ट अवेटेट फिल्म राईज रौर रिवोल्ट (RRR) 25 मार्च को देशभर के थिएटर्स में रिलीज हो गई, फिल्म पर फैंस अपना खूब प्यार लुटा रहे हैं. आरआरआर के फर्स्ट डे-फर्स्ट शो के लिए दर्शकों ने पहले ही टिकट की बुकिंग (RRR Ticket Booking) करा ली थी, यही वजह है कि ओपनिंग डे पर ही मूवी के लिए 30 करोड़ रुपए की एडवांस बुकिंग हो गई थी. फैंस को RRR में एक्टर राम चरण (Ram Charan) और जूनियर एनटीआर (Jr NTR) की जोड़ी खूब पसंद आ रही है, वहीं अजय देवगन (Ajay Devgn) और एक्ट्रेस आलिया भट्ट (Alia Bhatt) के भी किरदार की जमकर तारीफ हो रही है.
RRR के ओपनिंग डे (RRR Opening Day) पर सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ को देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में फिल्म बंपर कमाई करने वाली है. इस बीच फिल्म में राम चरण और जूनियर एनटीआर के किरदार की भी खूब चर्चा हो रही है. आपको बता दें कि फिल्म आरआरआर असल जिंदगी के ‘हीरोज’ की लाइफ पर बनी है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान गंवा दी थी. फिल्म में राम चरण ने फ्रीडम फाइटर अल्लूरी सीताराम राजू का रोल प्ले किया है, तो वहीं जूनियर एनटीआर ने स्वतंत्रता सेनानी कोमाराम भीम का किरदार निभाया है.
कौन थे अल्लूरी सीताराम राजू?
तेलुगु फ्रीडम फाइटर अल्लूरी सीताराम राजू ने बेहद कम उम्र में मोह-माया का त्याग कर आध्यात्म का रास्ता अपना लिया था, उन्होंने देश के कई बड़े धार्मिक स्थानों की यात्रा की. सीताराम राजू के लिए कहा जाता है कि वो महात्मा गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे, लेकिन अंग्रेजों के जुल्म के खिलाफ लड़ने के लिए उन्होंने क्रांतिकारी रुख अपनाया था. सीताराम राजू पर अंग्रेजों ने कई जुल्म ढाए, इसके बावजूद कभी उन्होंने अपने घुटने नहीं टेके. अंत में अंग्रेजों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी.
कौन थे कोमाराम भीम?
साउथ के सुपरस्टार जूनियर एनटीआर ने देश के लिए कुर्बान होने वाले एक और स्वतंत्रता सेनानी कोमाराम भीम के किरादर को जीवंत करने की कोशिश की है. कोमाराम को आज भी लोग पूजते हैं, RRR फिल्म में उनके शौर्य और पराक्रम को दिखाया गया है. भारत पर जब अंग्रेजों का कब्जा था, उसी दौरान हैदराबाद के निजाम भी मासूम आदिवासियों पर खूब अत्याचार कर रहे थे. कोमाराम भीम बचपन से ही अन्याय के खिलाफ थे, उन्होंने हैदराबाद की आजादी के लिए विद्रोह छेड़ दिया था. कोमाराम ने गोरिल्ला युद्ध करते हुए कई चुनौतियों का सामना किया, बाद में वो आदिवासियों के मसीहा बन गए. ऐसा कहा जाता है कि कोमाराम भीम को छल से मार दिया गया था.
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