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सुनील दत्त पुण्यतिथि: रेडियो जॉकी से सुनील दत्त ने शुरू किया था सफर, इंटरव्यू के दौरान मिली थी पहली फिल्म
Sunil Dutt Death Anniversary: सुनील दत्त एक बेहतरीन अभिनेता रहे हैं, आज ही के दिन यानी कि 25 मई को 2005 को सुनील दत्त का निधन हो गया था. ऐसे में आइए जानते हैं उनके बारे में खात बातें.
Sunil Dutt Death Anniversary: हिंदी सिनेमा जगत में अभिनेता सुनील दत्त एक बेहतरीन अभिनेता रहे हैं, उन्होंने अपने अभिनय से सभी का दिल जीता हालांकि अब वह इस दुनिया में नहीं है. आज ही के दिन यानी कि 25 मई को 2005 को सुनील दत्त का निधन हो गया था. सुनील दत्त एक एक्टर, फिल्म प्रोड्यूसर, डायरेक्टर होने के साथ-साथ राजनेता भी थे. हर दिल अजीज अभिनेता हमेशा सबकी मदद करने के लिए खड़े रहते थे. एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, राजनेता और सोशल वर्कर सुनील दत्त की आज 17वीं डेथ एनिवर्सरी है. ऐसे में आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें.
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पहली नौकरी से मिलते थे 25 रुपए
सुनील दत्त का जन्म 6 जून 1929 को नाका खुर्द, पंजाब के झेलम जिले में हुआ था, ब्राह्मण परिवार में दीवान रघुनाध और कुलवंती देवी के घर जन्म के समय सुनील को बलराज दत्त नाम मिला. सुनील अपने परिवार के साथ हरियाणा के यमुना नगर स्थित मंडोली गांव में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद आकर बसे. घर खर्च चलाने के लिए सुनील ट्रांसपोर्टेशन कंपनी ‘B.E.S.T’ में नाइट शिफ्ट की नौकरी करने लगे. कॉलेज के दिनों में सुनील दत्त ने थिएटर में दिलचस्पी दिखाई. इनकी दमदार आवाज और उर्दू में गहरी पकड़ के चलते इन्हें खूब तारीफें मिलती थीं. प्ले के दौरान सुनील की आवाज से इम्प्रेस होकर रेडियो प्रोग्रामिंग हेड ने उन्हें रेडियो चैनल में नौकरी का ऑफर दिया. नौकरी के दौरान सुनील फिल्मी दुनिया के सितारों का इंटरव्यू लिया करते थे जिसे लिए उन्हें 25 रुपए मिलते थे.
समेश सहगल की नजर पड़ी और बने हीरो
ऐसा कहा जाता है कि रेडियो में काम करते हुए उन्होंने एक बार एक्ट्रेस नरगिस का भी इंटरव्यू लिया था हालांकि उस समय वह नहीं जानते थे कि वह आने वाले समय में उनकी पत्नी बनने वाली हैं. सुनील इस समय इतने नर्वस थे कि वो नरगिस से कोई सवाल ही नहीं पूछ सके, घबराए हुए सुनील को नरगिस ने शांत करवाया और इंटरव्यू हो सका. वहीं दिलीप कुमार का इंटरव्यू लेने पहुंचे सुनील दत्त पर डायरेक्टर समेश सहगल की नजर पड़ी और उन्होंने सुनील को स्क्रीन टेस्ट देने को कहा और अगली फिल्म रेल्वे प्लेटफॉर्म का ऑफर दे दिया.
मदर इंडिया से मिली देशभर में पहचान
रेल्वे प्लेटफॉर्म के बाद सुनील कुंदन, एक ही रास्ता, राजधानी, किस्मत का खेल जैसी फिल्मों में आए, लेकिन इन्हें असल पहचान 1957 की फिल्म मदर इंडिया से मिली. फिल्म में सुनील, नरगिस के बेटे के रोल में थे. इसी सेट पर उन्हें नरगिस से प्यार हुआ था. दरअसल सेट पर हुए हादसे में जब सुनील ने जान की बाजी लगा दी तो नरगिस भी उन्हें चाहने लगीं. मदर इंडिया की रिलीज के अगले साल 1958 में दोनों ने शादी कर ली। इस शादी से इन्हें तीन बच्चे हुए.
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