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When Lata Mangeshkar Was Given Slow Poison: हिंदी सिनेमा की दिग्गज गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने अपनी शानदार आवाज से लंबे समय तक दर्शकों के दिलों को जीता है, उनकी खूबसूरत आवाज के दुनिया भर में दीवाने हैं. लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Passes Away) ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी आवाज दी है उन्होंने जिस-जिस गानें को गाया है वो सुपरहिट भी साबित हुआ है. लता मंगेशकर का जो स्थान है उसकी बराबरी शायद ही कोई और सिंगर कर पाएछोटी उम्र से संगीत को अपना जीवन बना लेने वाली लता की शुरुआत भले ही औसत रही लेकिन उन्होंने जो मुकाम हासिल किया वह किसी फीमेल सिंगर के लिए हासिल करना नई बात थी. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसा किस्सा सुनाएंगे जब लता (Lata Mangeshkar Given Slow Poison) दीदी का जान पर बन आई थी.
स्वर साम्राश्री लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को लेकर एक पुराना किस्सा है कि 33 साल की उम्र में उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। लता की करीबी मित्र पद्मा सचदेव की किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में भी इस बात का जिक्र है। यह घटना 1963 की है जब लता को लगातार उल्टियां हो रही थीं. डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया गया है, हालांकि अब खुद लता मंगेशकर ने इस कहानी के पीछे से पर्दा हटाया था.
लताजी ने एक बातचीत में कहा था ‘हम मंगेशकर्स इस बारे में बात नहीं करते, क्योंकि यह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था. साल था 1963 में मुझे इतनी कमजोरी महसूस होने लगी थी कि मैं बेड से बड़ी मुश्किल से उठ पाती थी’.लता मंगेशकर के मुताबिक, डॉ. कपूर के इलाज से वो धीरे-धीरे ठीक हुईं। ये बात सच है कि मुझे धीमा जहर दिया गया था। लेकिन डॉ. कपूर के इलाज और मेरे दृढ़ विश्वास ने मुझे वापस खड़ा कर दिया, करीब तीन महीने तक बेड पर रहने के बाद मैं फिर से गाने रिकॉर्ड करने लायक हो गई थी.
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