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Crude Oil Price: कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार, क्या भारत में भी बढ़ेंगी तेल की कीमतें?

Crude Oil Price: कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे हैं, क्या भारत में भी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी? लेकिन पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए फिलहाल इस बात की संभावना कम ही नजर आती है.

Published: February 4, 2022 12:43 PM IST

By Manoj Yadav

Crude Oil Price: कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार, क्या भारत में भी बढ़ेंगी तेल की कीमतें?
(FILE PIC)

Crude Oil Price: शुक्रवार को कच्चे तेल के कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गईं. आपूर्ति की चिंता के बीच कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अमेरिका में सर्दी बहुत अधिक बढ़ गई है. जिससे कच्चे तेल की खपत ज्यादा हो रही है. यहां तक कि आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है.

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गुरुवार को 1.16 डॉलर की बढ़त के बाद ब्रेंट क्रूड 16 सेंट या 0.2% बढ़कर 91.27 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जो 0102 GMT था.

यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 28 सेंट या 0.3% बढ़कर 90.55 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जो पिछले दिन 2.01 सेंट बढ़कर 6 अक्टूबर 2014 के बाद पहली बार 90 डॉलर से ऊपर आ गया था.

दोनों बेंचमार्क लगातार सातवें साप्ताहिक लाभ की ओर बढ़ रहे हैं.

समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, OANDA के वरिष्ठ बाजार विश्लेषक एडवर्ड मोया ने कहा, “आर्कटिक विस्फोट के टेक्सास में आने और पर्मियन बेसिन में कुछ तेल उत्पादन को बाधित करने के बाद WTI क्रूड 90 डॉलर के स्तर को तोड़ दिया.”

गुरुवार को मध्य और पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका में एक बड़े पैमाने पर सर्दियों का तूफान आ गया, जहां यह भारी बर्फ को पहुंचा रहा था. यात्रा कर पाना मुश्किल कदम था. हजारों घरों की बिजली ठप कर दी और कई राज्यों में स्कूलों को बंद कर दिया.

विश्लेषकों ने कहा कि मांग में सुधार की वजह से आपूर्ति से अधिक होने का सामना करना पड़ रहा है, तेल बाजार तेजी से आपूर्ति के झटके की चपेट में हैं.

पूर्वी यूरोप और मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव ने भी तेल के तेज लाभ को बढ़ावा दिया है, जिसने इस साल अब तक ब्रेंट फ्यूचर्स को 17% और WTI को 20% तक बढ़ा दिया है.

संयुक्त राज्य अमेरिका ने चेतावनी दी कि रूस पड़ोसी राष्ट्र पर आक्रमण करने के औचित्य के रूप में एक मंचित हमले का उपयोग करने की योजना बना रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तनाव बढ़ने के लिए नाटो और पश्चिम को दोषी ठहराया है, यहां तक ​​कि उन्होंने यूक्रेन की सीमा के पास हजारों सैनिकों को स्थानांतरित कर दिया है.

हालांकि, मध्यम अवधि में, कुछ विश्लेषकों को उम्मीद है कि तेल बाजार अगली तिमाही में अधिशेष में बदल जाएगा, जिससे कीमतों में हालिया उछाल पर ब्रेक लगाने में मदद मिलेगी.

क्या भारत में बढ़ेंगे तेल के दाम?

भारत में पिछले कई माह से तेल के दाम स्थिर बने हुए हैं. तेल के दामों में स्थिरता देश के पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों को माना जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि इन राज्यों में जब तक चुनाव खत्म नहीं होंगे तब तक तेल के दाम स्थिर बने रहेंगे. वैसे तेल के दाम बढ़ने पर सरकार अपना पल्ला झाड़ लेती है कि तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम के हिसाब से सरकारी तेल कंपनियां तय करती हैं. यह सरकार के बश में नहीं है. लेकिन जब किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो तेल के दाम स्थिर रहते हैं.

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Published Date: February 4, 2022 12:43 PM IST