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Kargil Vijay Diwas 2022: वीर सपूतों की कही ये बातें रोम-रोम में देशभक्ति की लौ जलाती हैं

कल यानी मंगलवार 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इसी दिन 1999 में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल की चोटियों से मार भगाया था. आज भी उस समय के वीर योद्धाओं की कुछ बातें सीने में देशभक्ति की लौ प्रज्जवलित करती हैं. आइए उन्हीं बातों को जानते हैं.

Updated: July 25, 2022 11:10 PM IST

By Digpal Singh

द्रास वार मेमोरियल, कारगिल
द्रास वार मेमोरियल, कारगिल

हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2022) के रूप में मनाया जाता है. दरअसल 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठिए आतंकवादी और सैनिक चोरी-छिपे कारगिल की पहाड़ियों में घुस आए थे. इस घुसपैठ के खिलाफ भारतीय सेना ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया और एक-एक घुसपैठिए को मौत के घाट उतार दिया या भागने पर मजबूर कर दिया. 26 जुलाई 1999 ही वह दिन था, जब भारतीय सेना ने कारगिल की पहाड़ियों को घुसपैठियों के चंगुल से पूरी तरह छुड़ा लिया और ऑपरेशन विजय के पूरी तरह से सफल होने की घोषणा की गई.

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कारगिल युद्ध को हुए 23 साल हो चुके हैं. इस वर्ष हम कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. आज भी कारगिल में देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले वीर योद्धाओं की कुछ बातें रोम-रोम में देशभक्ति की लौ को प्रज्जवलित कर देती हैं.

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उन वीर योद्धाओं के साहस और बलिदान को याद किया जाता है. मंगलवार 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के विशेष अवसर पर वीर योद्धाओं के कुछ कथन आज भी लोगों को याद हैं और देशभक्ति से ओतप्रोत कर देते हैं.

जानिए किस वीर योद्धा ने क्या कहा

  1. ‘या तो मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा, या फिर उसमें लिपटकर आऊंगा, लेकिन वापस जरूर आऊंगा.’ – कैप्टन विक्रम बत्रा, परमवीर चक्र विजेता
  2. ‘कुछ लक्ष्य इतने अच्छे होते हैं कि उनमें फेल होना भी शानदार होता है’ – कैप्टन मनोज कुमार पांडे (परमवीर चक्र विजेता 1/11 गोरखा राइफल्स)
  3. ‘अगर खुद को साबित करने से पहले मौत आती है, तो कमस से मैं मौत को मार डालूंगा!’ – कैप्टन मनोज कुमार पांडे (परमवीर चक्र विजेता 1/11 गोरखा राइफल्स)
  4. ‘ये दिल मांगे मोर’ – कैप्टन विक्रम बत्रा, परमवीर चक्र विजेता
  5. ‘हम हर बार नॉकआउट में खेलते हैं और जीतने के लिए ही मैदान में उतरते हैं, क्योंकि युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता’ – जनरल जे जे सिंह
  6. ‘मेरी मौत किसी एक्सीडेंट में नहीं होगी और न ही मैं किसी बीमारी से मरूंगा. मैं सम्मान के साथ मौत को गले लगाऊंगा’ – मेजर सुधीर कुमार वालिया
  7. ‘अगर कोई व्यक्ति कहे कि उसे मौत से डर नहीं लगता तो समझ लें कि या तो वह झूठ बोल रहा है, या वो गोरखा है’ – फील्ड मार्शल सैम मनिकशॉ
  8. ‘अगर आपने मौत को बहुत करीब से नहीं देखा है तो असल में आप कभी जिए ही नहीं, जिन्होंने लड़ाई को चुना है उनके लिए जिंदगी का अलग ही स्वाद है और जिन्होंन सुरक्षित जिंदगी जी है, वो इस स्वाद को नहीं समझ सकते.’ – कैप्टन आर सुब्रमण्यम
  9. ‘दुश्मन हमसे सिर्फ 50 गज की दूरी पर है. उसकी संख्या भी हमसे बहुत ज्यादा है. हमारे ऊपर जमकर गोला-बारूद बरसाया जा रहा है. लेकिन मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा, बल्कि अपने एक-एक व्यक्ति के लिए और आखिरी गोली तक लडूंगा.’ – मेजर सोमनाथ शर्मा 4th बटालियन, कुमाऊं रेजीमेंट

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