दिल्ली में पैदा हुए, पहला युद्ध भारत के खिलाफ लड़ा, जानें कैसे तख्तापलट कर पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने मुशर्रफ
Pervez Musharraf Passes Away: 1999 में पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू कर परवेज मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से हटा दिया और खुद पाकिस्तान की सत्ता हथिया ली. तख्तापलट के बाद वह पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने.

Pervez Musharraf Passes Away: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ का अब नहीं रहे. 79 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है. वह लंबे समय से दुर्लभ बीमारी ‘एमिलॉयडोसिस’ से पीड़ित थे. वह दुबई के एक अस्पताल में भर्ती थे. वह पिछले आठ सालों से युएई में रहकर दुबई में इलाज करा रहे थे. परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली के दरियागंज में 11 अगस्त 1943 को हुआ था. मुशर्रफ का परिवार 1947 में नई दिल्ली से कराची चला गया था. परवेज मुशर्रफ की पढ़ाई लिखाई भी पाकिस्तान में ही हुई. वह 1964 में पाकिस्तानी सेना में भर्ती हुए थे. उन्होंने क्वेटा के आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी.
Also Read:
- 2019 Pulwama attack: जिसने सरकार की चूलें हिला दीं और बालाकोट एयरस्ट्राइक की नींव रखी
- Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में आर्थिक संकट जारी, कराची में 210 रुपये प्रति लीटर पर पहुंची दूध की कीमत
- इमरान खान ने अपने ही देश के सुरक्षाबलों पर साधा निशाना, कहा- पाकिस्तान में आतंकी हमले लापरवाही की वजह से बढ़े
परवेज मुशर्रफ की साल 1998 में जनरल के पद पर पदोन्नति हुई. इसके बाद वह पाकिस्तानी सेना के प्रमुख बने. यहीं से परवेज मुशर्रफ के मन में राजनीतिक महत्वाकांशी पैदा हुई. 1999 में पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू कर वह तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से हटा दिया और खुद पाकिस्तान की सत्ता हथिया ली. तख्तापलट के बाद परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने. वह 2007 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे.
कारगिल युद्ध मुशर्रफ की देन
भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध के दौरान परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे. माना जाता है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष मुशर्रफ द्वारा पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की जानकारी के बिना किया गया था. मुशर्रफ की वजह से ही कारगिल युद्ध हुआ. हालांकि वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके लेकिन इस युद्ध में पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि मुशर्रफ ने उन्हें बिना बताए युद्ध को अंजाम दिया था.
ये इच्छी नहीं हो सकी पूरी
कभी पाकिस्तान के सबसे ताकतवर सैन्य शासक रहे परवेज मुशर्रफ साल 2016 से ही दुबई में रहकर अपना इलाज करवा रहे थे. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, मुशर्रफ की अंतिम इच्छा थी कि वह अपना शेष जीवन पाकिस्तान में ही रहकर बिताएं लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया. इसकी मुख्य वजह उनकी बीमारी और उनके खिलाफ पाकिस्तान में चल रहे आपराधिक मामले थे.
पाकिस्तान के सबसे ताकतवर शख्स थे मुशर्रफ
परवेज मुशर्रफ एक समय पाकिस्तान के सबसे ताकतवर नेता और सेना प्रमुख रहे लेकिन बाद में वह अर्श से फर्श पर भी आ गए. भारत में जन्म जनरल परवेज मुशर्रफ सेना में रहते हुए अपना युद्ध भारत के खिलाफ लड़ा. इसलिए उन्हें तत्कालीन पाकिस्तानी सरकार ने वीरता पुरस्कार से भी नवाजा. 1971 में जब वह भारत के खिलाफ दूसरे युद्ध लड़ रहे थे तो पाकिस्तान की करारी हार हुई. 1999 में बिना खून बहे सैन्य तख्तापलट के बाद मुशर्रफ पाकिस्तान के दसवें राष्ट्रपति बने थे. उन्होंने 1998 से 2001 तक पाकिस्तान की स्टाफ कमेटी (CJCSC) के 10वें अध्यक्ष और 1998 से 2007 तक 7वें शीर्ष जनरल के रूप में कार्य किया.
देश छोड़ने को मजबूर हुए मुशर्रफ
मुशर्रफ अपने काले कारनामों की वजह से पाकिस्तान छोड़ने पर मजबूर हुए थे. उन्हें पाकिस्तान की एक अदालत ने राजद्रोह का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई थी. उन्हें दुबई में निर्वासित जीवन बिताना पड़ा. जीवन के आखिरी दिनों में मुशर्रफ की राजनीतिक विश्ननीयता पाकिस्तान में खत्म हो गई. मुशर्रफ का पतन उसी समय शुरू हो गया था जब वह सत्ता में रहते हुए तत्कालीन मुख्य न्यायधीश से झगड़ा मोल लिया. उन्हें सेना की वर्दी उतारनी पड़ी. 15 नवंबर 2007 में सेना की वर्दी उतारने के बाद उनका पतन शुरू हो गया.
चुनाव नहीं लड़ पाए मुशर्रफ
परेवज मुशर्रफ के प्रति पूर्व प्रधानमंत्री इमरान का रुख नरम था. साल 2013 में मुशर्रफ चुनाव लड़ने के लिए पाकिस्तान पहुंचे. चार संसदीय क्षेत्रों से नामांकन दाखिल करने के बावजूद उनका नामांकन खारिज कर दिया गया. उन्हें 21 अप्रैल 2013 को गिरफ्तार कर उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया. उन पर देश द्रोह के केस चला. वह तत्कालीन इमरान सरकार के सहयोग से देश छोड़ने में कामयाब हो गए और वह यूएई जाकर रहने लगे.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें की और अन्य ताजा-तरीन खबरें