
Mauni Amavasya 2022: मौनी अमावस्या पर दान करें ये चीजें, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Mauni Amavasya 2022: मान्यता यह है कि इस दिन गंगा नदी का जल अमृत तुल्य हो जाता है. इस बार स्नान दान के लिये जातकों को सिर्फ 11:15 बजे तक का समय मिलेगा.

Mauni Amavasya 2022: मौनी अमावस्या 2022 पर स्नान का विशेष महत्व होता है. इस दिन स्नान-दान से महापुण्य की प्राप्ति होती है.इस बार मौनी अमावस्या 01 फरवरी 2022, दिन मंगलवार को है. इस दिन तीर्थराज प्रयाग में स्नान करने की परंपरा है. अगर नहीं जा सकते तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
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मौनी अमावस्या व्रत विधि
इस दिन प्रात:काल ही पवित्र नदी में स्नान करें. स्नान के बाद भगवान शिव या विष्णु का पूजन करें. व्रत का संकल्प लें. इसके बाद तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, वस्त्रादि किसी गरीब ब्राह्मण को दें. व्रत रखें. पूरे दिन कम से कम बोलने का प्रयास करें. मन को पवित्र रखें. बुरे विचार मन में ना आने दें.
मौनी अमावस्या मुहूर्त
मौनी अमावस्या- 1 फरवरी मंगलवार
अमावस्या प्रारंभ तिथि – 31 जनवरी दोपहर 02:18 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – 01 फरवरी 2022, सुबह 11:15 बजे
मौनी अमावस्या पर स्नान और दान का समय – 01 फरवरी को सुबह 11:15 बजे तक
मौनी अमावस्या्: इन चीजों का करें दान
मौनी अमावस्या को तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, वस्त्र आदि दान करने की परंपरा है. जरूरतमंदों को कम्बल, सर्दी के वस्त्र आदि दान करने चाहिए.
मौनी अमावस्या पर क्या करें-क्या ना करें
क्या करें
– पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.
– स्नान कर तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कपड़े आदि का दान करें.
– संभव हो साधु, महात्मा, ब्राह्मणों को भोजन कराएं. यथाशक्ति दान दें.
– दान के अलावा इस दिन पितृ श्राद्ध किया जाता है.
– पहले जल को सिर पर लगाएं फिर स्नान करें.
– इस दिन व्रत रखते हैं तो फल और पानी ग्रहण किए जा सकते हैं.
क्या ना करें
– नहाते समय कुछ न बोलें, मौन रहें.
– घर में कलह ना होने दें. विवादों से बचें.
– शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए.
– सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए. बिना नहाएं भोजन ना करें.
– नॉनवेज ना खाएं.
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