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Basant Panchami 2022: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस वर्ष बसंत पंचमी 5 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन मां सरस्वती की आराधना (Saraswati Puja) कर उन्हें पीले फूल, फल, चावल आदि चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. वहीं कुछ लोग व्रत रखकर मां सरस्वती का पूजन करते हैं. बसंत पंचमी पर पीले रंग पर ज्यादा महत्व दिया जाता है. पीले रंग के फूल, पीले रंग के चावल, पीले रंग के फल यहां तक की पीले रंग के कपड़े तक लोग उस दिन इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर किसी और रंग को बसंत पंचमी (Basant Panchami Date) के दिन इतना महत्व क्यों नहीं दिया जाता और क्यों पहने जाते हैं पीले वस्त्र. जानते हैं आगे…
शांति का प्रतीक है पीला रंग
शास्त्रों के अनुसार, पीले रंग को सुख शांति का प्रतीक मानते हैं. यह सुख शांति देने वाला है. साथ ही पीले रंग को तनाव को दूर करने वाला रंग भी माना जाता है. इसके अलावा मां सरस्वती को भी पीला रंग बहुत पसंद है. यही कारण ही कि इस दिन पीले वस्त्र पहने जाते हैं. जैसे जैसे बसंत ऋतु आती है वैसे वैसे मौसम से ठंडक भी कम होनी शुरू हो जाती है. आसमान से घटाएं छट जाती हैं. पेड़ पौधों पर पत्ते, फूल और कलियां खिलने लगती हैं. सरसों की फसल पककर तैयार हो जाती है और प्रकृति हरी चादर ओढ़ कर अपना रंग बरसाती है. साइंस भी पीले रंग को तनाव को दूर करने वाला रंग मानती है. साथ ही पीले रंग से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है.
तिथि और शुभ मुहूर्त
नोट – इस लेख से पता चलता है पीले रंग को हिंदू धर्म में बेहद शुभ मानते हैं. वहीं माता मां सरस्वती को भी पीला रंग बेहद पसंद है. इसीलिए मां सरस्वती की पूजा के दौरान व्यक्ति पीले रंग को धारण करता है.
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