
Bhishma Ashtami 2019: भीष्म पितामह ने त्यागे थे प्राण, व्रत रखने से मिलती है संस्कारी, सुयोग्य संतान...
माघ मास में जिन तिथियों का विशेष महत्व है, उनमें से एक है भीष्म अष्टमी. ये माघ माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी को होती है.

Bhishma Ashtami 2019: माघ मास में जिन तिथियों का विशेष महत्व है, उनमें से एक है भीष्म अष्टमी. ये माघ माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी को होती है.
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जैसा कि नाम से ही पता चलता है ये दिन भीष्म पितामह को समर्पित है. इस दिन व्रत, दान का फल कई गुना अधिक हो जाता है. इस बार ये तिथि 13 फरवरी को है.
क्यों महत्वपूर्ण है ये तिथि
महाभारत के भीष्म पितामह ने इसी दिन प्राण त्यागे थे. इस तिथि पर व्रत, दान का काफी महत्व है. इस दिन श्राद्ध करने को आवश्यक बताया गया है. कहा गया है कि इस दिन जो व्रत रखता है उसे भीष्म पितामह के समान संस्कारी व सुयोग्य संतान प्राप्त होती है.
क्या है कथा
भीष्म पितामह ने ब्रह्मचर्य का वचन लिया था. उन्होंने जीवनभर पालन किया. उन्हें वरदान था कि वे अपनी मृत्यु का समय स्वयं निश्चित कर सकते हैं. महाभारत युद्ध के समय घायल होने के बाद उन्होंने देह त्यागने के लिए माघ माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी को चुना.
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क्या करें इस दिन
इस दिन एकोदिष्ट श्राद्ध का नियम बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि इससे सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन व्रत रखने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की पंरपरा है. खासतौर पर गंगा स्नान की, क्योंकि वे ही भीष्म की मां हैं. गंगा स्नान का कई गुना फल मिलता है. इसके अलावा विष्णु पूजन से व्यक्ति के सभी पापों का अंत होता है.
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