
Bhishma Ashtami 2022: भीष्म अष्टमी के दिन हुई थी भीष्म पितामह की मृत्यु, जानें इस दिन का महत्व और शुभ मुहूर्त
Bhishma Ashtami 2022: भीष्म पितामह को अपनी इच्छा से मृत्यु की तारीख तय करने का वरदान मिला था. इसलिये महाभारत के युद्ध में अर्जुन के वाणों से घायल होने के बाद भी उन्होंने प्राण नहीं त्यागे. उन्होंने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया.

Bhishma Ashtami 2022: माघ शुक्ल अष्टमी महान भारतीय महाकाव्य, महाभारत के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक भीष्म पितामह की पुण्यतिथि है और इस दिन को भीष्म अष्टमी के रूप में जाना जाता है. इस बार भीष्म अष्टमी 8 फरवरी 2022 को मनाई जाएगी. भीष्म ने ब्रह्मचर्य के लिए प्रण किया और जीवन भर इसका पालन किया. पितामह की निष्ठा और भक्ति के कारण भीष्म को अपनी मृत्यु का समय चुनने का वरदान मिला था.
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भीष्म अष्टमी 2022 : महत्व
महाभारत के युद्ध में घायल होने पर उन्होंने वरदान के कारण अपना शरीर नहीं छोड़ा. उन्होंने अपने शरीर को त्यागने के लिए शुभ क्षण की प्रतीक्षा की. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान सूर्यदेव वर्ष के आधे भाग के दौरान दक्षिण दिशा में चले जाते हैं, जो कि अशुभ अवधि मानी जाती है और सभी शुभ कार्यों को तब तक स्थगित कर दिया जाता है जब तक कि सूर्यदेव उत्तर दिशा में वापस नहीं चले जाते. पितामह भीष्म ने अपने शरीर को त्यागने के लिए माघ शुक्ल अष्टमी को चुना और इस समय तक सूर्यदेव उत्तर दिशा या उत्तरायण हो गए थे.
इस दिन लोग उनके लिए एकोदिष्ट (एकोदिष्ट) श्राद्ध करते हैं. उनका श्राद्ध उन लोगों के लिए निर्धारित किया गया है, जिन्होंने अपने पिता को खो दिया है. हालांकि कई लोगों का मानना है कि उनके पिता के जीवित या मृत होने के बावजूद उनका श्राद्ध अनुष्ठान सभी द्वारा किया जा सकता है.
Bhishma Ashtami 2022: शुभ मुहूर्त
भीष्म अष्टमी: 8 फरवरी 2022
मध्याह्न समय : सुबह 11:29 बजे से दोपहर 01:42 बजे तक
अवधि : 02 घंटे 12 मिनट
अष्टमी तिथि शुरू : सुबह 06:15 बजे, 08 फरवरी 2022
अष्टमी तिथि समाप्त : सुबह 08:30 बजे, 09 फरवरी 2022
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