
Budh Ashtami 2022: जानिये कब है बुध अष्टमी, क्या है शुभ मुहूर्त और महत्व
Budh Ashtami 2022: ऐसी मान्यता है कि बुध अष्टमी के दिन बुध देव के साथ साथ भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा करने वाले जातकों के पाप खत्म हो जाते हैं. जानिये फरवरी में कब है बुध अष्टमी 2022 का व्रत. साथ में यह भी जानिये कि सालभर में कब कब बुध अष्टमी व्रत होगा.

Budh Ashtami 2022: इस दिन, भक्त बुद्ध ग्रह की पूजा करते हैं और आशीर्वाद मांगते हैं. वे इस दिन उपवास रखते हैं. विशेष ‘नैवेद्य’ तैयार किया जाता है और बुद्ध देवता को अर्पित किया जाता है. व्रत रखने वाले इस प्रसाद को पूजा की रस्में पूरी करने के बाद ही खा सकते हैं. भक्त सोने या चांदी के सिक्के पर अंकित देवता की तस्वीर की पूजा करते हैं. पूजा स्थल पर जल से भरा कलश रखा जाता है और उसके ऊपर एक बिना छिला हुआ हरा नारियल रखा जाता है.
पूजा के बाद, ‘नैवेद्य’ खाया जाता है और अन्य भक्तों के बीच वितरित किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि हर साल लगातार 8 बार बुद्ध अष्टमी व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आठ व्रत पूरे करने के बाद भगवान बुद्ध की तस्वीर के साथ सोने या चांदी का सिक्का ब्राह्मण को दान किया जाता है. कई जगहों पर इस दिन भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा भी की जाती है.
बुध अष्टमी तिथि (Ashtami Tithi Timing): 23 फरवरी को शाम 4:56 से 24 फरवरी अपराह्न 3:04 बजे तक.
साल 2022 में कब-कब है बुध अष्टमी (Budh Ashtami Vrat dates in 2022)
23 फरवरी : अष्टमी तिथि की शुरुआत : 23 फरवरी शाम 4:56, अष्टमी तिथि समाप्त : 24 फरवरी 3:04
20 जुलाई : अष्टमी तिथि की शुरुआत : 20 जुलाई सुबह 7:36 , अष्टमी तिथि समाप्त : 21 जुलाई सुबह 8:12
16 नवंबर : अष्टमी तिथि की शुरुआत : 16 नवंबर सुबह 5:50, अष्टमी तिथि समाप्त : 17 नवंबर, सुबह 7:57
30 नवंबर : अष्टमी तिथि की शुरुआत : 30 नवंबर सुबह 8:58, अष्टमी तिथि समाप्त : 01 दिसंबर सुबह 7:21
महत्व (Significance of Budh Ashtami Vrat):
बुद्ध अष्टमी व्रत की अनकही महिमा ‘ब्रह्मण्ड पुराण’ और अन्य हिंदू धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है. ऐसी मान्यता है कि बुद्ध अष्टमी व्रत का पालन करने वाले को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है. यहां तक कि इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा करने से पिछले जन्मों के पाप भी दूर हो जाते हैं. बुद्ध अष्टमी व्रत उन लोगों द्वारा भी मनाया जाता है, जिन्हें ‘बुद्ध ग्रह दोष’ है. इस पूजा करने से बुध ग्रह के दुष्प्रभावों को खत्म करता है और ग्रह दोष भी समाप्त हो जाते हैं.
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