
चाणक्य नीति: धरती पर बोझ होते हैं ऐसे लोग, कभी न पड़े उसकी संगति में जीवन हो सकता है बर्बाद
चाणक्य नीति में ये भी बताया है कि किन स्थितियों में व्यक्ति धरती पर बोझ की तरह हो जाता है. तो, चलिए आपको उन लोगों के बारे में बताते हैं जिनका जीवन व्यर्थ होता है.

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि आदर्श जीवन कैसा होता है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि आदर्श जीवन कैसा होता है. यहां तक कि आदर्श जीवन को जीने के तरीके भी बताए हैं. कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से प्रसिद्ध आचार्य चाणक्य विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और असाधारण और बुद्धि के स्वामी थे. आचार्य चाणक्य ने अपने बुद्धि कौशल का परिचय देते हुए ही चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया था, आचार्य चाणक्य हमेशा दूसरों के हित के लिए बात करते थे. आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में उन लोगों के बारे में विस्तार से बताया है जो इस दुनिया में एक बोझ के समान होते हैं. इनसे साथ रहने से दूसरा व्यक्ति पर भी बुरा असर पड़ता है. तो, चलिए आपको उन लोगों के बारे में बताते हैं जिनका जीवन व्यर्थ होता है.
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1. पूजा-पाठ और दान न करने वाले लोग
ऐसे लोग जो भगवान की भक्ति नहीं करते और न ही कभी दान-पुण्य करते हैं. ऐसे लोगों का जीवन जीना बेकार होता है. लोगों को अपने इस जन्म और अगले जन्म को बेहतर बनाने के लिए भगवान की आराधना भी करनी चाहिए और जरूरतमंदों को दान भी करना चाहिए.
2. अच्छा व्यवहार न करने वाले लोग
ऐसे लोग जिनका व्यवहार खराब होता है. जिनके काम उनकी और उनके परिवार की छवि खराब करते हैं. ऐसे लोग भी धरती पर बोझ के समान होते हैं. ऐसे लोग को हमेशा ऐसा आचरण करना चाहिए जो उन्हें और उनके परिवार को सम्मान दिलाएं.
3. किसी का नहीं देते हैं साथ
जो लोग मुसीबत के समय अपने मित्रों और परिवार की मदद नहीं करते हैं, लोग उनका साथ भी नहीं देते हैं. मुसीबत के समय इन लोगों की कोई मदद नहीं करता. ये अकेले ही अपने जीवन में जूझते रहते हैं.
4. ज्ञान न लेने वाले लोग
जो लोग ज्ञान अर्जित न करें, उनका जीवन जीना बेकार होता है. जीवन में जितना संभव हो उतना ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान लेने की कोशिश करनी चाहिए.
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