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Ganesh Jayanti 2022: आज गणेश चतुर्थी है. हर साल गणेश जयंती माघ महीने की चतुर्थी को मनाई जाती है. इस दिन को माघ चतुर्थी, तिलकंड चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी, वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बप्पा की पूजा करने और व्रत रखने वाले जातकों की सभी मनोकामनाएं भगवान गणेश पूरी करते हैं. संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले जातकों को भी मनवांछित वरदान प्राप्त होता है.गणेश जयंती के दिन गणेश जी की पूजा और व्रत रखने का महत्व व शुभ मुहूर्त यहां नीचे जानें.
ऐसी मान्यता है और गणेश जी की कथा में भी इस बात का उल्लेख है कि मां पार्वती ने उबटन से गणेश जी की उत्पत्ति की. ऐसे में संतान की इच्छा रखने वाले जातक अगर ये व्रत रखते हैं तो उनकी यह मनोकामना जरूर पूर्ण होती है. गणेश चतुर्थी का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है और भगवान भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं.
चतुर्थी तिथि आरंभ कब से: शुक्रवार 4 फरवरी को सुबह 04:38 बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्त कब: शनिवार 5 फरवरी, सुबह 03:47 बजे
गणपति पूजन का शुभ मुहूर्त : शुक्रवार 4 फरवरी को दोपहर 11:30 बजे से 01:41 बजे तक भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त है. यानि पूजा के लिये जातकों के पास 2 घंटा 11 मिनट का समय होगा.
इस बार गणेश चतुर्थी पर रवि योग और शिव योग बन रहा है, जिसमें गणेश जी की पूजा होगी. विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2022) के दिन दोपहर 03:58 मिनट तक रवि योग है और शाम 07:10 तक शिव योग है. इसके बाद से सिद्ध योग लगेगा.
स्नान करें.
इस दिन पीले या लाल रंग के वस्त्र धारण करें .
लाल रंग के आसन या लकडी के आसन पर लाल कपडा बिछा कर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
घी का दीप जलाएं और सिंदूर से तिलक करें.
फल- फूल और मिष्ठान का भोग लगाएं.
21 दूर्वा गांठे उनके अलग अलग नाम का उच्चारण करके अर्पित करें.
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