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गरुड़ पुराण: पुरुष-महिला या जानवर, अगले जन्म में आप क्या बनेंगे! गरुड़ पुराण में किया गया है इसका उल्लेख

मनुष्य के कर्म ही तय करते हैं कि वह अगले जन्म में इंसान बनेगा या जानवर. इसके अलावा उसके महिला या पुरुष बनने का निर्धारण भी कर्मों के आधार पर होता है.

Updated: April 26, 2022 10:08 AM IST

By Shilpi Singh | Edited by Shilpi Singh

Garuda Purana
Garuda Purana

अगले और पिछले जन्‍म के बारे में जानने की उत्‍सुकता अधिकांश लोगों में होती है. इसे जानने के कुछ तरीके धर्म-पुराणों में बताए भी गए हैं. महापुराण गरुड़ पुराण की ही बात करें तो इसमें मनुष्‍य के हर कर्म का लेखा-जोखा दिया गया है जो न केवल उसके पाप-पुण्‍य का निर्धारण करते हैं, बल्कि मरने के बाद मिलने वाली सजा और अगले जन्‍म की योनि तक के बारे में बताते हैं. आमतौर पर अगले जन्‍म को लेकर लोगों के मन में यह जानने की जिज्ञासा होती है कि वे किस योनि में जन्‍म लेंगे. यानी कि मनुष्‍य बनेंगे या पशु, कीड़े-मकोड़े. यदि इंसान बनेंगे तो महिला के रूप में जन्‍म लेंगे या पुरुष के रूप में. इस बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है.

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अगले जन्म में स्त्री का रूप होगा या पुरुष का
आमतौर पर अगले जन्म को लेकर लोगों के मन में यह जानने की उत्सुकता होती है कि वह किसी योनि में जन्म लेने वाले हैं. यानी कि मनुष्य होंगे या फिर पशु पक्षी, कीड़े मकोड़े आदि. अगर इंसान बनेंगे तो महिला के रूप में जन्म होगा या फिर पुरुष के रूप में होगा. इस बारे में गरुण पुराण में विस्तार से बताया गया है.

गरुड़ पुराण का उल्लेख
1. अगर पुरुष अक्सर महिला की तरह व्यवहार करता है। ऐसे आचरण करता है जो महिलाओं को करनी चाहिए तो पुरुष की आत्मा अगले जन्म में महिला का रूप ले लेती है.

2. इसी तरह मरते समय व्यक्ति की आसक्ति किस चीज में होती है, यह भी उसके पाप पुण्य, स्वर्ग नरक के साथ-साथ अगले जन्म की योनि का भी निर्धारण कर देती है. अगर किसी पुरुष की मरते समय आ सकती किसी महिला में होती है, तुम्हें अगले जन्म में महिला के रूप में जन्म लेता है. इसीलिए धर्म पुराण में मरते वक्त भगवान का नाम लेने की सलाह दी जाती है. जिससे कि मनुष्य जन्म मरण के इस चक्र से मुक्ति प्राप्त करें,  और इसके पश्चात उसे भगवान के चरणों में स्थान प्राप्त हो जाए.

3. इतना ही नहीं बल्कि कोई व्यक्ति चाहे वह महिला होता है या पुरुष। अगर वह पशु वत व्यवहार करता है तो उसको अगला जन्म जानवर के रूप में प्राप्त होता है. पशु वत व्यवहार से मतलब होता है कि ऐसी चीजें सेवन करना जो पशु पक्षी करते हैं. या फिर पशु पक्षियों की तरह आचार व्यवहार करने से भी होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. India.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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