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Pradosh Vrat 2020: गुरु प्रदोष व्रत का शिव भक्तों के लिए काफी महत्व है. इस दिन व्रत रखने से जीवन से हर तरह के संकट दूर होते हैं, शत्रुओं का नाश होता है.
इस बार प्रदोष व्रत 6 फरवरी, गुरुवार को है. गुरुवार को प्रदोष होने से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है.
इस प्रदोष को शत्रुनाशक कहा गया है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, उन्हें भी ये व्रत अवश्य करना चाहिए. प्रदोष व्रत पर पूजन, जप, दान, व्रत करने से भगवान शिव की आशीर्वाद मिलता है. जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं.
त्रयोदिशी तिथि को सुबह सूर्योदय से पहले उठें. व्रत का संकल्प लें. फिर भगवान शिव, मां पार्वती, गणपति, कुमार कार्तिकेय की पूजा करें. इस व्रत में दिन भर केवल फलाहार कर सकते हैं.
शाम को सूर्यास्त के समय स्नान करें. साफ और सफेद रंग के कपड़े पहनें. भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाएं. भगवान शिव को बिल्व पत्र, सुपारी, लौंग, इलायची, फूल, धूप, गंध, चावल, दीप, पान, भोग और फल चढ़ाएं. इसके बाद भगवान शिव के मंत्रों का जप करें. आरती करें. भोग लगाएं. कई जगह भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाया जाता है. प्रसाद को परिवार में वितरित करें.
गुरु प्रदोष व्रत पर इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त 6 फरवरी, गुरुवार को रात 8:23 बजे से 9:03 बजे तक का है.
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