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Jitiya/Jivitputrika Vrat 2021 Date: कब है जीवित्पुत्रिका व्रत, जानें जितिया व्रत का महत्व, पूजन विधि, शुभ मुहूर्त
इस व्रत को जिउतिया, जितिया, जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन व्रत नाम से जाना जाता है. ये व्रत तीन दिन तक चलता है.
Jitiya/Jivitputrika Vrat 2021 Date: जितिया पर्व महिलाओं के बेहद खास होता है. इस दिन वे संतान की लंबी उम्र की कामना से व्रत रखती हैं. इस व्रत को जिउतिया, जितिया, जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन व्रत नाम से जाना जाता है. ये व्रत तीन दिन तक चलता है.
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Jivitputrika Vrat significance
संतान की लंबी आयु, निरोग जीवन, सुखी रहने की कामना से ये व्रत किया जाता है. मान्यता है कि अगर कोई इस व्रत की कथा को सुनता है तो उसके जीवन में कभी संतान वियोग नहीं होता.
Jivitputrika Vrat 2021 Date
हर वर्ष आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत या जितिया व्रत करने का विधान है. व्रत सप्तमी से लेकर नवमी तिथि तक चलता है. पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जाता है. इस साल यह व्रत 28 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेगा.
Jitiya Vrat 2021 Nahay Khay
नहाए खाए के साथ व्रत शुरू हो जाता है. इस साल 28 सितंबर को नहाए खाए होगा. 29 सितंबर को निर्जला व्रत और 30 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा.
Jivitputrika Vrat shubh muhurat
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 28 सितंबर शाम 06:16 बजे से
अष्टमी तिथि समाप्त- 29 सितंबर रात 8: 29 बजे
Jivitputrika Vrat Pujan Vidhi
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. भगवान जीमूतवाहन की पूजा करें. इसके लिए कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें. इस व्रत में मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है. इनके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है. पूजा समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है. पारण के बाद यथाशक्ति दान और दक्षिणा दें.
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