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ज्योतिष शास्त्र: शनि और मंगल के शुभ फल पाने के लिए आज से ही सुधार लें अपनी आदत, नहीं तो कई गुना बढ़ेगी अशुभता

JyotiSh Shastra: ज्योतिष शास्त्र में शनि क्रूर और मंगल को एक उग्र ग्रह बताया गया है, ये दोनों ही ग्रह बुरी आदतों के कारण आपको बहुत जल्दी ही परेशानियां प्रदान करते हैं.

Published: July 26, 2022 10:05 AM IST

By Shilpi Singh | Edited by Shilpi Singh

shani and mangal compatibility
shani and mangal compatibility

ज्योतिष शास्त्र में शनि क्रूर और मंगल को एक उग्र ग्रह बताया गया है. ये दोनों ही ग्रह शुभ होने पर जहां मनुष्य को छप्पर फाड़कर लाभ दिलाते हैं, तो वहीं अशुभ होने पर जीवन को कष्ट और परेशानियों से भी भर देते हैं. ये दोनों ही ग्रह बुरी आदतों के कारण आपको बहुत जल्दी ही खराब और परेशानियां प्रदान करते हैं. इसीलिए इन कार्यों को कभी नहीं करना चाहिए. शनि को कलयुग का दंडाकारी भी बताया गया है और शनिदेव को कर्मफलदाता और न्यायाधीश भी कहा जाता है. माना जाता है कि, मनुष्य के अच्छे-बुरे कार्यों के आधार पर ही शनिदेव फल प्रदान करते हैं. यदि मनुष्य नेकी के रास्ते पर चलता है और अच्छे कार्य करता है तो शनिदेव उसे शुभ फल प्रदान करते हैं. ऐसे लोग जीवन में अपार सफलता प्राप्त करते हैं. वहीं शनिदेव कुछ कामों को करने से बहुत जल्दी नाराज होते हैं. तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो कार्य जिनको करने से शनिदेव और मंगलदेव नाराज होते हैं तथा इन दोनों ही ग्रहों को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में.

शनि को पसंद नहीं है ये गलत काम

शनि का कलियुग का दंडाधिकारी बताया गया है. शनि देव को कर्मफलदाता और न्यायाधीश भी कहा जाता है. माना जाता है कि मनुष्य के अच्छे बुरे कार्यों के आधार पर ही शनि देव फल प्रदान करते हैं. यदि मनुष्य नेकी के रास्ते पर चलता है और अच्छे कार्य करता है तो शनि देव उसे शुभ फल प्रदान करते हैं. ऐसे लोग जीवन में अपार सफलताएं प्राप्त करते हैं.

शनि इन कामों को करने से बहुत जल्द नाराज होते हैं.

कमजोर को कभी न सताएं.

धन का प्रयोग दूसरों का अहित करने के लिए न करें.

परिश्रम करने वालों को कभी परेशान न करें.

पशु-पक्षियों का कष्ट न पहुंचाएं.

नियमों को न तोड़ें.

लोभ न करें.

किसी का अनादर न करें

इन कामों को करने से मंगल हो जाता है अमंगल

मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का सेनापति बताया गया है. मंगल को साहस, युद्ध, रक्त आदि का कारक माना गया है. मंगल को ऊर्जा भी बताया गया है. मंगल जब अशुभ होता है तो व्यक्ति के स्वभाव में विशेष परिवर्तन लाता है, जिसके कारण गंभीर संकटों का सामना करना पड़ता है.

इन कार्यों को नहीं करना चाहिए-

क्रोध न करें.

दूसरों का अपमान करने से बचें.

हर प्रकार के नशे से दूर रहें.
अहंकार न करें.

कठोर वचनों का प्रयोग न करें.

गलत संगत से दूर रहें.

शनि और मंगल के उपाय

शनि और मंगल को शांत करने के लिए ये उपाय करने चाहिए. इन उपायों को करने से ये ग्रह शांत होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं. शनिवार का दिन शनि देव और मंगल का दिन हनुमान जी को समर्पित है. हनुमान जी और शनि देव की पूजा करने ये ग्रह शुभ होते है. दान और पुण्य के कार्यों को करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. India.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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