Top Recommended Stories

Maha Shivratri 2022: महा शिवरात्र‍ि पर मिलेगा भगवान श‍िव का आशीर्वाद, जानें व्रत की सही विध‍ि

Maha Shivratri 2022: महा शिवरात्र‍ि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी और इस दिन भगवान को प्रसन्‍न करने के लिये किस शुभ मुहूर्त में पूजा करनी चाहिए और व्रत रखने का सही तरीका क्‍या है. यहां जानें.

Published: February 21, 2022 4:05 PM IST

By Vandanaa Bharti

Maha Shivratri 2022: महा शिवरात्र‍ि पर मिलेगा भगवान श‍िव का आशीर्वाद, जानें व्रत की सही विध‍ि
1 मार्च को मनाई जाएगी महा श‍िवरात्र‍ि

Maha Shivratri 2022: शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का महान पर्व है. माघ महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान चतुर्दशी तिथि को दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार महा शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है. हालांकि उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन के महीने में मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है. दोनों कैलेंडरों में यह चंद्र मास की नामकरण परंपरा है, जो भिन्‍न-भिन्‍न है. हालांकि, उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय दोनों, एक ही दिन महा शिवरात्रि मनाते हैं. इस बार महा श‍िवरात्र‍ि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी.

Also Read:

व्रत विध‍ि (Maha Shivratri Vrat Vidhi)

शिवरात्रि व्रत से एक दिन पहले, त्रयोदशी पर भक्तों को केवल एक बार भोजन करना चाहिए. शिवरात्रि के दिन, सुबह की क्र‍िया (स्‍नान) पूरी करने के बाद भक्तों को शिवरात्रि पर पूरे दिन का उपवास रखने और अगले दिन भोजन करने के लिए संकल्प लेना चाहिए. संकल्प के दौरान भक्त उपवास की अवधि पूरा करने के लिये भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं.

श‍िवरात्र‍ि के दिन जातक दो बार स्‍नान करते हैं. एक बार सुबह और दूसरी बार शाम में श‍िव पूजन से पहले या मंद‍िर जाने से पूर्व. श‍िवरात्र‍ि के मौके पर भगवान श‍िव पूजा रात्र‍ि में होती है. पूरे दिन और रात उपवास करने के बाद श‍िव भक्‍त अगले दिन सूर्योदय होने और चतुर्दशी तिथ‍ि समाप्‍त होने से पहले व्रत खोलते हैं. ऐसी मान्‍यता है कि इससे भक्‍तों को ज्‍यादा लाभ प्राप्‍त होता है. हालांकि कुछ जगहों पर ऐसी मान्‍यता है कि चतुर्दशी तिथ‍ि समाप्‍त होने के बाद उपवास खोलना चाहिए. लेकिन वास्‍तविक मान्‍यता यही है कि शिव पूजन और पारण (Shiva Puja and Parana) चतुर्दशी तिथ‍ि में ही की जाती है.

चार पहर की पूजा :

शिवरात्रि पूजा रात में एक या चार बार की जा सकती है. चार बार शिव पूजा करने के लिए चार प्रहर (प्रहर) प्राप्त करने के लिए पूरी रात की अवधि को चार में विभाजित किया जा सकता है. शिव भक्तों के लिए सभी चार प्रहर अवधियों को सूचीबद्ध कर हम यहां दे रहे हैं.

1. रात्र‍ि प्रहर पूजा : शाम 06:21 से रात्र‍ि 09:27 बजे तक
2. रात्र‍ि प्रहर पूजा : रात्र‍ि 09:27 से रात्र‍ि 12:33 (02 मार्च)
3. रात्र‍ि प्रहर पूजा : रात्र‍ि 12:33 से सुबह 03:39 बजे तक (02 मार्च)
4. रात्र‍ि प्रहर पूजा : सुबह 03:39 बजे से 06:45 बजे तक (02 मार्च)

निशिता काल पूजा का समय (Nishita Kaal Puja Time): 02 मार्च 2022 को सुबह 12:08 से सुबह 12:58 बजे तक

चतुर्दशी तिथ‍ि कब शुरू होगी : 01 मार्च 2022 को सुबह 03:16 बजे से
चतुर्दशी तिथ‍ि कब समाप्‍त होगी : 02 मार्च 2022 को सुबह 01:00 बजे तक

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें धर्म की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.