
Mangla Gauri Vrat 2020: मंगला गौरी व्रत आज, जानें पूजा विधि और व्रत कथा
इस दिन मंगला माता की पूजा करने और कथा सुनने से मनचाहा फल मिलता है.

नई दिल्ली: सावन महीने (sawan month 2020) के सोमवार के दूसरे दिन यानी मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत मनाया जाता है. इस व्रत को सभी सुहागिन महिलाएं मनाती है. मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से सुहादिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन मंगला माता की पूजा करने और कथा सुनने से मनचाहा फल मिलता है. माना जाता है कि श्रावण मास के इस मंगलवार को व्रत रखने से व्यक्ति को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं.
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व्रत कथा:
एक नगर में एक व्यापारी अपनी पत्नी के साथ सुखी से जीवन जी रहा था. उसे धन दौलत की कोई कमी नहीं थी. लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी. इसलिए सारी सुख सुविधाएं होते हुए थी दोनों पति पत्नी खुश नहीं रहते थे. खूब पूर्जा अर्चना करने के बाद उन्हें पुत्र का वरदान प्राप्त हुआ. लेकिन ज्योतिषियों ने कहा कि वह अल्पायु है और 17 साल का होते ही उसकी मृत्यु हो जाएगी. इस बात को जानने के बाद पति पत्नी और भी दुखी हो गए. लेकिन उन्होंने इसे ही अपना और पुत्र का भाग्य मान लिया. कुछ समय बाद उन्होंने अपने बेटे की शादी एक सुंदर और संस्करी कन्या से कर दी. वह कन्या सदैव मंगला गौरी का व्रत करती और मां पार्वती की विधिवत पूजन करती थी. इस व्रत के प्रभाव से उत्पन्न कन्या को अखंड सौभाग्यवती होने का आशिर्वाद प्राप्त था. इसके परिणाम स्वरुप सेठ के पुत्र की मृत्यु टल गई और उसे दीर्घायु प्राप्त हुई.
ऐसे करें मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) की पूजा-
– इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
– निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा कोरे (नवीन) वस्त्र धारण कर व्रत करना चाहिए.
– इस व्रत में एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है.
– एक लकड़ी के तख्त पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर मां मंगला गौरी यानी मां पार्वती की प्रतिमा या चित्र रखें.
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