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Mauni Amavasya 2021 Date: कब मनाई जाएगी मौनी अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और पिंडदान का महत्व

Mauni Amavasya 2021 Date & Time: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मुनि शब्द से मौनी की उत्पत्ति हुई है. इसलिए इस दिन मौन रहने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है.

Published: January 19, 2021 10:31 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Deepika Negi

Mauni Amavasya 2021 Date: कब मनाई जाएगी मौनी अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और पिंडदान का महत्व
Mauni Amavasya 2021

Mauni Amavasya 2021 Date & Time: हिंदू धर्म में अमावस्या का खास महत्व होता है. माघ के महीने में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है. गंगा तट पर इस करणभक्त जन एक मास तक कुटी बनाकर गंगा सेवन करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मुनि शब्द से मौनी की उत्पत्ति हुई है. इसलिए इस दिन मौन रहने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है.

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मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त (Mauni Amavasya Subh Muhurat)
मौनी अमावस्या बृहस्पतिवार, फरवरी 11, 2021 को
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – फरवरी 11, 2021 को 01:08 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – फरवरी 12, 2021 को 00:35 बजे

मौनी अमावस्या महत्व (Mauni Amavasya Importance)

शास्त्रों में मौनी अमावस्या का काफी महत्व बताया गया है. माघ मास में संगम स्नान हर युग में अन्नंत पुण्यदायी होता है. इस तिथि को पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात अपने सामर्थ के अनुसार अन्न, वस्त्र, धन, गौ, भूमि, तथा स्वर्ण जो भी आपकी इच्छा हो दान देना चाहिए. इस दिन तिल दान भी उत्तम कहा गया है. इस तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है अर्थात मौन अमवस्या. चूंकि इस व्रत में व्रत करने वाले को पूरे दिन मौन व्रत का पालन करना होता इसलिए यह योग पर आधारित व्रत कहलाता है. शास्त्रों में वर्णित भी है कि होंठों से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है, उससे कई गुणा अधिक पुण्य मन का मनका फेरकर हरि का नाम लेने से मिलता है. इसी तिथि को संतों की भांति चुप रहें तो उत्तम है. अगर संभव नहीं हो तो अपने मुख से कोई भी कटु शब्द न निकालें. इस तिथि को भगवान विष्णु और शिव जी दोनों की पूजा का विधान है.

अमावस्या पिंडदान 
ऐसी भी मान्यताएं हैं कि अमावस्या के दिन गंगा स्नान के बाद पितरों को जल देने से उनको तृप्ति मिलती है. इस दिन तीर्थस्थलों पर पिंडदान करने का विशेष महत्व है.

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Published Date: January 19, 2021 10:31 AM IST