
Navratri 2020 Kanya Pujan: आज अष्टमी-नवमी, इस शुभ मुहूर्त पर करें कन्या पूजन, ये है पूजा की विधि
कन्या पूजा को कंजक पूजा भी कहा जाता है. व्रत करने वाले लोग इस दिन को शुभ मानते हुए अपना व्रत कन्या पूजन के बाद तोड़ते हैं. आइए जानते हैं क्या है कन्या पूजन का शुभ समय-

नई दिल्ली: आज शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नवमी और अष्टमी को कन्या पूदजन किया जाता है. इस साल अष्टमी और नवमी एक ही पड़ रहे हैं. अष्टमी और नवमी एक साथ होने के कारण कन्या पूजन आज ही होगा. माना जाता है कि नवरात्रि स्थापना के बाद विदाई भी उसी तरह से की जानी चाहिए. इस दिन माँ का आशीर्वाद लेने के लिए 9 कन्याओं की पूजा की जाती है. इसे कन्या पूजन कहते हैं. कन्या पूजा को कंजक पूजा भी कहा जाता है. व्रत करने वाले लोग इस दिन को शुभ मानते हुए अपना व्रत कन्या पूजन के बाद तोड़ते हैं. आइए जानते हैं क्या है कन्या पूजन का शुभ समय-
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कन्या पूजन (kanya pujan subh muhurat)का शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 23 अक्टूबर की सुबह 06 बजकर 57 मिनट से.
अष्टमी तिथि समाप्त- 24 अक्टूबर की सुबह 06 बजकर 58 मिनट तक.
नवमी तिथि आरंभ- 24 अक्टूबर की सुबह 06 बजकर 58 मिनट से.
नवमी तिथि समाप्त- 25 अक्टूबर की सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक.
कन्या पूजन के लिए कहा जाता है कि सूर्योदय के बाद सुबह 9 बजे तक इसे पूरा कर लेना चाहिए.
कन्या पूजन (kanya pujan vidhi)की विधि
कन्या पूजन के दिन सबसे पहले घर में साफ-सफाई करें. कन्या के साथ अगर कोई बालक हो तो उसे भी बैठाएं. कन्या को बैठने के लिए आसन दें और उनके पैर धोएं. कन्या को रोली, कुमकुम और अक्षत् का टीक लगाएं. फिर कन्या के हाथ में मौली बांधें. इसके बाद घी का दीपक जलाएं और कन्या की आरती उतारें. फिर पूरी, चना और हलवा कन्या को खाने के लिए दें. खाने के साथ कन्या को अपने सामर्थ्यनुसार भेंट और उपहार भी दें. फिर उनके बाद उनके पैर छूएं.
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