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Pitru Paksha 2020 Rules: पितृपक्ष पर तर्पण करने के ये हैं नियम, जानें कौन कर सकता है श्राद्ध
पितृपक्ष पर पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है. हर साल लोग पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध करते हैं.
Pitru Paksha 2020 Rules: पितृपक्ष पर पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है. हर साल लोग पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध करते हैं.
पुराणों में भी इस बात का उल्लेख है कि जब संतान श्राद्ध करती है तो माता-पिता व पूर्वजों को शांति प्राप्त होती है. पर श्राद्ध के कई नियम भी बताए गए हैं.
इन नियमों का पालन कर ही श्राद्ध किया जाता है. जानें इनके बारे में.
पूर्वजों का श्राद्ध करने का पहला अधिकार घर के बड़े पुत्र का होता है. शादी के बाद वो अपनी पत्नी संग मिलकर श्राद्ध कर सकता है. अगर किसी कारण से बड़े बेटे की मृत्यु हो जाए तब छोटा पुत्र श्राद्ध करता है.
अगर परिवार एक साथ रहता है, तो बड़ा बेटा ही श्राद्ध करता है. सभी रस्में वही निभाता है. अगर परिवार अलग-अलग रहते हैं तो ऐसे में दूसरे भाई भी श्राद्ध कर सकते हैं.
अगर किसी का पुत्र नहीं है तो उसका भाई या परिवार का अन्य बेटा उसके नाम का श्राद्ध कर सकता है. अविवाहित पुरुष या महिला का श्राद्ध भी उसके परिवार का अन्य सदस्य कर सकता है.
श्राद्ध करने का जितना हक बेटे का होता है उतना ही उसकी पत्नी का भी होता है.
बेटे के बाद पोता, परपोता अपने पूर्वजों का श्राद्ध करता है. पूर्वजों का श्राद्ध कर्म एक साथ किया जाता है. भाई-भतीजे भी श्राद्ध कर्म कर सकते हैं.
अगर किसी की केवल पुत्री है तो उसका पुत्र भी श्राद्ध कर सकता है. बेटे को मातृकुल के पितरों का श्राद्ध करने का अधिकार भी होता है.
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