
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.
Pradosh Vrat 2021 Date: हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2021) आता है. मान्यता है कि प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में इस समय नृत्य करते हैं और देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं. जो भी लोग अपना कल्याण चाहते हों यह व्रत रख सकते हैं. प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार का दोष मिट जाता है. नए साल का दूसरा प्रदोष व्रत 26 जनवरी 2021 यानी कल मनाया जाएगा।
प्रदोष व्रत मुहूर्त (Pradosh Vrat 2021 Muhurat)
पौष, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारंभ – 00:24, जनवरी 26
समाप्त – 01:11, जनवरी 27
प्रदोष व्रत का महत्व (Pradosh Vrat 2021 Importance)
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन शिव पुराण और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है. माना जाता है इस दिन भगवान शिव की अराधना करने से भक्तों परग शिव जी की विशेष कृपा होती है और व्यक्ति के सभी दुख और कष्ट खत्म हो जाते हैं. प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने से इसे शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है. इस दिन संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है.
इस तरह करें पूजा (Pujan vidhi)
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करें. व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान शिव का जल अभिषेक करें. पंचामृत का पूजा में प्रयोग करें. धूप दिखाएं और भगवान शिव को भोग लगाएं. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें Faith Hindi की और अन्य ताजा-तरीन खबरें