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Rambha Tritiya 2022 in HIndi: ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया रंभा तृतीया कहलाती है. इसे रंभा तीज के नाम से भी जाना जाता है. वहीं कुछ लोग इसे अप्सरा रंभा तृतीया भी कहते हैं. बता दें कि इस साल यह व्रत 2 जून दिन गुरुवार को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाओं के साथ-सथ कुंवारी कन्याओं विशेष फल प्राप्त करने के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और रंभा अप्सरा को याद किया जाता है. ऐसे में इसे जुड़ी कहानी के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से रंभा तृतीया से जुड़ी कथा के बारे में बताएंगे और इसके महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में भी जानेंगे. पढ़ते हैं आगे…
पौराणिक कथा के अनुसार, समुंद्र मंथन के दौरान रंभा अप्सरा की उत्पत्ति हुई थी. एक बार असुरो और देवताओं के बीच में युद्ध छिड़ गया था, जिसमें देवताओं की हार हुई थी. ऐसे में असुरों पर विजय प्राप्त करने के लिए देवता और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ. समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्नों में से एक अप्सरा रंभा भी थीं. इन्हें सौंदर्य का प्रतीक माना जाता था. रंभा तीज का व्रत रंभा अप्सरा को ही समर्पित है. इस व्रत को करने से स्त्रियों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और यौवन और आरोग्य भी प्राप्त होता है.
तृतीया तिथि की शुरुआत – 1 जून, 2022 बुधवार को 09:47 मिनट से (रात)
तृतीया तिथि की समाप्ति- 3 जून, 2022 शुक्रवार को 12:17 मिनट पर (रात)
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.
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