
Basant Panchami 2022: सरस्वती पूजन से मिलेगी करियर में सफलता, जानें शुभ मुहूर्त और इसका महत्व
Basant Panchami 2022: वसंत पंचमी के दिन घर में सरस्वती माता की पूजा करने से करियर में सफलता मिलती है. अगर आप कला में रुचि रखते हैं, तो मां सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए.

Basant Panchami 2022: माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी कहा जाता है. वसंत पंचमी पर सरस्वती माता की पूजा की जाती है, जिन्हें ज्ञान, वाणी और कला की देवी भी कहा जाता है. बता दें कि इस दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि जिन बच्चों को ज्ञान, वाणी और कला में रुचि होती है, उन्हें नियमित रूप से सरस्वती माता की पूजी करनी चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से खास लाभ मिलते हैं? तो चलिए जानते हैं कि इस पर्व की मान्यता क्या है और इसे कैसे मनाया जाता है.
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क्या है सरस्वती पूजा का महत्व?
मान्यताओं के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती का ब्रह्माजी के मुख से अवतरण हुआ था. इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि सरस्वती माता की पूजा इस दिन करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं. जिन लोगों को ज्ञान, वाणी और कला में बेहतर प्रदर्शन करना है, उन्हें मां सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए.
सरस्वती पूजा की तिथि
पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 05 फरवरी यानि शनिवार को प्रात: 03:47 बजे से होगा, यह अगले दिन रविवार को प्रात: 03:46 बजे तक मनाई जाएगी. इस दिन सरस्वती पूजा भी की जाती है और करियर में सफलता मिलती है. बता दें कि बसंत पंचमी के दिन पूजन का मुहूर्त सुबह 07:07 बजे से लेकर दोपहर 12:35 तक रहेगा. इस दिन सिद्ध योग शाम 05 बजकर 42 मिनट तक है, उसके बाद से साध्य योग शुरू हो जाएगा. बसंत पंचमी के दिन रवि योग शाम 04:09 बजे से अगले दिन प्रात: 07:06 बजे तक रहेगा. शुभ मुहूर्त में पूजा करने से आप करियर में सफलता पा सकते हैं।
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