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Sawan Shivratri 2022: देवों के देव महादेव को सावन का महीना बेहद प्रिय है और पूरे महीने भोलेनाथ का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. इस महीने में सावन के सोमवार और मंगलवार को मंगला गौरी व्रत (Sawan Shivratri Vrat) बेहद ही खास होते हैं, साथ ही सावन की शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है. (Sawan 2022) सावन माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन शिवरात्रि (Shivratri Puja) का त्योहार मनाया जाता है. जो कि आज यानि 26 जुलाई के दिन है.
सावन की शिवरात्रि के दिन व्रत किया जाता है और शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है. यदि जलाभिषेक शुभ मुहूर्त में किया जाए तो जीवन में आ रही सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है. यह शुभ मुहूर्त 26 जुलाई को शाम 7 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगा और रात 9 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
सावन की शिवरात्रि के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक करने का विधान है. इस दिन जातक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी करते हैं. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें. फिर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करें. इसके बाद भगवान भोलेनाथ के मंदिर में जाकर शिवजिंग को जल चढ़ाएं.
शिवलिंग को जल चढ़ाते हुए ध्यान रखें कि जल में गंगाजल और कुछ दाने चीनी के भी मिलाएं. जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन लगाएं और पांच बेलपत्र के पत्ते चढ़ाएं. ध्यान रखें कि बेलपत्र के पत्तों पर चंदन अवश्य लगाएं और साथ ही धतूरा भी चढ़ाएं. शिवलिंग पर चंदन का तिलक करें और मां पार्वती को सिंदूर का तिलक लगाएं. साथ ही शिवलिंग और मां पार्वती की मूर्ति को कलावे से बांधे. कहते हैं कि ऐसा करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. इस विधि से शिवरात्रि की पूजा करने से जातकों की सभी मनोकामाएं पूर्ण होती हैं.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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